इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सरकार को लेकर असमंजस कायम है। सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार के खिलाफ नेशनल असेंबली में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, सुनवाई के दौरान शीर्ष ने डिप्टी स्पीकर के अधिकार पर सवाल उठाए और कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही में नियमों का उल्लंघन हुआ है।
भंवर में पाकिस्तान
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा, कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक इमरान खान नियाजी पीएम बने रहेंगे
इमरान खान ने पूर्व जस्टिस गुलजार अहमद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त करने का प्रस्ताव किया
नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने कार्यवाहक पीएम नियुक्त करने की प्रक्रिया को अवैध बताते हुए नाम भेजने से इन्कार किया
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पीठ में ये जज शामिल
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने और उसके बाद राष्ट्रपति द्वारा सदन को भंग करने किए जाने के फैसले के खिलाफ विपक्ष की याचिका पर सुनवाई कर रही है। पीठ में जस्टिस इजाउल अहसान, जस्टिस मजहर आलम खान मियांखेल, जस्टिस मुनीब अख्तर और जस्टिस जमाल खान मंडोखाइल शामिल हैं।
अदालत ने डिप्टी स्पीकर के अधिकार पर उठाए सवाल
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि भले ही स्पीकर ने संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला दिया हो, अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले बहस का कानून में स्पष्ट प्रविधान है जो नहीं कराया गया। जस्टिस अहसान ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही में नियमों का उल्लंघन हुआ। जस्टिस अख्तर ने डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के संवैधानिक अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा फैसला करने का अधिकार सिर्फ स्पीकर को है।
शीघ्र फैसले का विपक्ष का अनुरोध खारिज
इससे पहले, विपक्ष के वकील फारूक एच नायक ने अदालत से शीघ्र (सोमवार को ही) फैसला देने का अनुरोध किया। इस पर जस्टिस बंदियाल ने कहा, ‘हम हवा में फैसला नहीं सुना सकते। सभी पक्षों को सुनने के बाद ‘उचित आदेश’ देंगे।’ उन्होंने पूर्ण पीठ गठित करने के विपक्ष की मांग भी खारिज कर दी। मामले में राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन समेत सभी राजनीतिक दलों को प्रतिवादी बनाया गया है।
अब आगे क्या हो सकता है ?
अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला इमरान खान के पक्ष में आता है तो 90 दिन के भीतर चुनाव होंगे।
अगर फैसला डिप्टी स्पीकर के फैसले के खिलाफ आता है तो संसद फिर बुलाई जाएगी और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा
अगर अदालत इमरान के फैसले को गलत बताती है, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का आदेश नहीं देती, तब भी मध्यावधि चुनाव कराने होंगे
गुलजार अहमद हो सकते हैं कार्यवाहक प्रधानमंत्री
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री हो सकते हैं। इमरान ने उनके नाम का प्रस्ताव किया है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सत्ता पक्ष और विपक्ष से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए नाम मांगे थे। साथ ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक इमरान खान को प्रधानमंत्री के रूप में काम करते रहने को कहा था। नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने पूरी प्रक्रिया को अवैध बताते हुए किसी का नाम भेजने से इन्कार कर दिया है। ऐसे में संभावना है कि राष्ट्रपति अल्वी जस्टिस अहमद को ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त कर देंगे।
विपक्ष ने पारित किया अविश्वास प्रस्ताव
डान अखबार के मुताबिक पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने संसद में ‘अपने सत्र’ का आयोजन किया और इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास पारित किया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता और पूर्व स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने कहा कि प्रस्ताव के पक्ष में करीब 200 मत पड़े और वह पारित हो गया।