नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly Elections 2019) में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार के गठन को लेकर सस्पेंस बरकरार है. इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी कांग्रेस की वजह से नहीं बल्कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार की वजह से हो रही है जो कि कांग्रेस की तुलना में शिवसेना को लेकर ज्यादा सशंकित हैं.
एक सूत्र ने कहा कि राकांपा प्रमुख ने सही कहा है कि उन्होंने अभी तक सरकार गठन पर सोनिया गांधी से विचार विमर्श नहीं किया है. राकांपा नेता शिवसेना की कार्यशैली व विचारधारात्मक विरोधाभासों को लेकर भी चिंतित हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि ‘शरद पवार के बयानों को समझना कोई आसान काम नहीं है.’
शिवसेना का पेंच
इसके साथ ही कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चल रही बातचीत के बीच शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे द्वारा अपने बेटे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने पर दिया जा रहा जोर, सरकार गठन की राह में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है. राकांपा के कई नेता इसे पसंद नहीं कर रहे हैं.
एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की बात कह रहे हैं. इससे राकांपा के कई नेता असहज महसूस कर रहे हैं जो आदित्य जैसे नौसिखिए के साथ काम नहीं करना चाहते हैं. इसके साथ ही राकांपा मुख्यमंत्री पद के लिए बारी-बारी से रोटेशन की बात कर रही है. वह चाहती है कि रोटेशन के तहत उसकी पार्टी का भी मुख्यमंत्री बने. वहीं, कांग्रेस व एनसीपी के नेता उद्धव ठाकरे के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.