नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय बजट से पहले अलग-अलग सेक्टर के लिए गठित सचिवों की समिति की रिपोर्ट का अवलोकन कर रहे हैं। इसके लिए मंत्रालयों द्वारा प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुति दी जा रही है। यह रिपोर्ट पांच वर्ष के लिए निर्धारित किए गए विजन के आधार पर तैयार की गई हैं।
प्रमुख मंत्रालयों ने प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को अपने प्रदर्शन की जानकारी देनी शुरू कर दी है। इस दौरान पीएमओ द्वारा तय किए मानकों के आधार मंत्रालयों और विभागों की प्रदर्शन का अवलोकन किया जाएगा। शुक्रवार को शुरू हुआ यह कार्यक्रम आने वाले कुछ दिन तक चलेगा। जानकारी के मुताबिक इस तरह से प्राप्त इनपुट का उपयोग बजट में भी किया जा सकता है। लेकिन इसका मुख्य मकसद इकोनॉमी को गति देने का प्रयास करना है।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मंत्रियों की परिषद और प्रमुख सचिवों के साथ अर्थव्यवस्था और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा की। यह बैठक शनिवार को भी जारी रहेगी।
बातचीत में कई बैठकें हुईं, जिन्हें प्रधानमंत्री ने उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स खिलाड़ियों और कपड़ा और परिधान कंपनियों के कप्तानों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ आयोजित किया। हाल के हफ्तों में आर्थिक मंदी पर अपने इनपुट की तलाश करने के लिए क्या किया जा सकता है उसको लेकर बात की गई। उन्हें पता चला है कि कौन सी नीतियां काम कर रही हैं और क्या नहीं, इस पर विशिष्ट इनपुट मांगे गए हैं। बता दें, सितंबर तिमाही में आर्थिक विस्तार छह साल के निचले स्तर 4.5% पर आ गया, विश्लेषकों ने मंदी के लंबे समय तक चलने की भविष्यवाणी की।
2020 में सरकार की पहली बड़ी बैठक
उनके मंत्रिमंडल के साथ मोदी की शुक्रवार की बैठक 2020 में सरकार की पहली बड़ी बैठक रही, जहां उन्होंने नए आर्थिक संशोधन अधिनियम पर गहन आर्थिक मंदी और विरोध पर चर्चा करने की।कैबिनेट विस्तार की रिपोर्ट के बीच यह बैठक महत्वपूर्ण रही। पीएम ने क्रिसमस से ठीक चार दिन पहले 2019 की पूर्ण मंत्रिपरिषद की आखिरी बैठक की थी। यह नवनिर्मित गुजरात भवन में हुआ।