भोपाल। Action against mafia प्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा चलाई जा रही माफिया राज के खिलाफ कार्रवाई अब सियासी रंग लेने जा रही है। भाजपा लगातार आरोप लगा रही है कि माफिया पर कार्रवाई के नाम पर भाजपाइयों को निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस सरकार के इस अभियान का जवाब देने के लिए अब भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के नेताओं के गोरखधंधों की पड़ताल करवा रही है। पार्टी ने संगठन के सारे जिलों से कांग्रेस से जुड़े शराब माफिया, रेत माफिया, भू माफिया, शिक्षा माफिया खनिज माफिया सहित तमाम गोरखधंधे में लिप्त नेताओं की सूची मांगी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा ऐसे माफियाओं का नाम सार्वजनिक करेगी और बताएगी कि सरकार की कार्रवाई निष्पक्ष नहीं, बल्कि भेदभावपूर्ण है।
गौरतलब है कि इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान भी सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। खैर जो भी है, माफिया भाजपा के हों या कांग्रेस के, जनता के लिए आने वाला समय सियासी मनोरंजन का होगा। दोनों पार्टी के वे चेहरे जनता के सामने बेनकाब होंगे, जो माफिया से जुड़े होंगे या खुद गलत कामों में लिप्त होंगे।
कमलनाथ सरकार माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और भी तेज करने की तैयारी में है। सरकार ने शुद्ध के लिए युद्ध, नकली दवा, खाद-बीज, ड्रग माफिया के खिलाफ पहले से ही मोर्चा खोला हुआ है पर भाजपा, कमलनाथ सरकार पर माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पक्षपात का आरोप लगा रही है।
इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तो यहां तक कह दिया है ‘संघ के पदाधिकारी शहर में हैं, नहीं तो इंदौर में आग लगा देता”, इसके बाद से ही माफिया के खिलाफ यह अभियान अब सियासी रंग लेता जा रहा है।
अब भाजपा ने तय किया है कि कमलनाथ सरकार भेदभावपूर्ण कार्रवाई जारी रखती है तो वह भी कांग्रेस का काला चिट्ठा लेकर सड़क पर आएगी । पार्टी नेताओं ने कहा कि 15 साल सत्ता में रहने के दौरान पार्टी ने कभी विद्वेष की कार्रवाई नहीं की। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने माफिया पर कार्रवाई के ख्ािलाफ पहला बयान दिया। इसके बाद से ही विजयवर्गीय और बाकी नेता सामने आए। पार्टी सूत्र कहते हैं कि राकेश सिंह ने बड़े नेताओं को भरोसे में लेने के बाद ही कमलनाथ सरकार के अभियान की खिलाफत की।
इनका कहना है
पिछले दस महीने से कांग्रेस के नेता अवैध खनन, शराब का अवैध कारोबार, प्रापर्टी डीलिंग और तबादलों में युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं। इसके सबूत मार्च 2019 में पड़े आयकर छापों में सामने आ गए थे। खुद सरकार के मंत्रियों डॉ. गोविंद सिंह और उमंग सिंघार ने इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकारा भी था । कांग्रेस नेताओं की इन गतिविधियों से जनता का ध्यान हटाने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध और माफिया के खिलाफ कार्रवाई जैसे शगुफे उछाले जा रहे हैं पर असल में मप्र कांग्रेसियों के काले कारनामों के दलदल में फंस रहा है। भाजपा इन कांग्रेसियों के सबूत एकत्र कर रही है और जल्द ही हर जिले में इनका खुलासा किया जाएगा।
– डॉ. दीपक विजयवर्गीय, मुख्य प्रवक्ता, भाजपा मप्र