नई दिल्ली। देश के इतिहास में पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर किया गया हमला 1989 के बाद सबसे बड़ा हमला था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले से पूरा देश दहल गया था। हर कोई गुस्से में था और हर कीमत पर जल्द से जल्द पाकिस्तान से बदला लेना चाहता था। हमले के बाद पाकिस्तान को भी इस बात का अंदाजा जरूर था कि भारत कहीं न कहीं इसका बदला जरूर लेगा। इसको देखते हुए पाकिस्तान ने सीमा पर सुरक्षा और पुख्ता कर दी थी। लेकिन उसको इस बात का अंदाजा नहीं था कि भारत बदला लेने के लिए जमीनी नहीं बल्कि आसमानी रणनीति बना रहा है। हर किसी की तरह पीएम मोदी भी गुस्से में थे। पुलवामा हमले के बाद वो जहां कहीं गए और उन्हें लोगों से संवाद का मौका मिला उसमें ये गुस्सा और दर्द साफतौर पर छलका भी था।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि उन वीर सपूतों को मेरी श्रद्धांजलि जिन्होंने बीते वर्ष पुलवामा में अपनी जान गंवाई। वो लोग अलग थे जो देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर गए। भारत इन वीर शहीदों की शहादत को कभी नहीं भूलेगा।
14 फरवरी
जिस दिन पुलवामा में आतंकी हमला हुआ उसी दिन पीएम मोदी ने कायरतापूर्ण बताया था। उन्होंने कहा कि ‘पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला निंदनीय है। हमारे बहादुर जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। इस दुख के मौके पर पूरा देश शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। इस बयान में उन्होंने घायलों की जल्द तंदु़रुस्ती की कामना भी की थी।
15 फरवरी को उनके जो भी पब्लिक प्रोग्राम थे उनमें उन्होंने पाकिस्तान को सीधेतौर पर पुलवामा हमले का अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी। दिल्ली वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के शांति के मार्ग को कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने बड़ी भूल की है। दोषियों को कठोर दंड दिया जाएगा। इसके लिए भारतीय सैन्य बल को खुली छूट दी गई है और देश को अपने सैनिकों के शौर्य व बहादुरी पर भरोसा है। पुलवामा के शहीदों ने भारत की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है। अब हर देशवासी का फर्ज है कि वह भारत की भलाई व समृद्धि के लिए अपना जीवन समर्पित करे। इसके झांसी में उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘मैं आतंकी संगठनों और उनके सरपस्तों को कहना चाहता हूं कि वो बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं। बहुत बड़ी कीमत उनको चुकानी होगी’।
16 फरवरी को महाराष्ट्र के धुले और यवतमाल में उन्होंने जनसभा को संबोधित किया था। उन्होंने इस रैली में कहा था कि ‘पुलवामा हमले के मुजरिमों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। हर आंसू का बदला लिया जाएगा।’
17 फरवरी को जब प्रधानमंत्री एक रैली को संबोधित करने बिहार के बरौनी पहुंचे थे तो उन्होंने कहा था कि जो आग आपके दिल में है वही आग मेरे दिल में भी है। जवानों की ये शहादत बर्बाद नहींं जाएगी।
18 फरवरी को पीएम मोदी ने कहा कि अब दोनों देशों के बीच वार्ता का समय खत्म हो चुका है। उन्होंने पूरी दुनिया से आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की थी। उन्होंने ये बयान उस समय दिया था जब अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरेसिया मैक्री भारत दौरे पर आए हुए थे।
19 फरवरी को पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पुलवामा के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हम उन्हें घर में घुसकर मारेंगे। सीआरपीएफ जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। अब बातचीत का समय खत्म हो गया है, अब जवाब देने का समय है।
इस हमले के बाद हर तरफ जहां बदला लेने का शोर सुनाई दे रहा था वहीं सेना और सीआरपीएफ तरफ से भी साफ कर दिया गया था कि इस हमले के जवाब में पाकिस्तान में कहीं अधिक आतंकियों की लाशें गिराई जाएंगी। पुलवामा हमले के दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हलचल बेहद तेज हो चुकी थीं। हमले के पांच दिन बाद 19 फरवरी को पाकिस्तान के पीएम ने जो टीवी पर अपना संबोधन दिया उसने देश की जनता को और भड़काने का काम किया था। पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था। इस हमले में जैश के कई आतंकी भी मारे गए थे।
21 फरवरी को उन्होंने कहा कि ‘पुलवामा का बर्बर हमला विश्व पर छा रहे मानवता विरोधी खतरे की घंटी है। हम आतंक का समर्थन कर रहे देशों पर दबाव बढ़ाने को सहमत हैं। आतंकियों और उनके समर्थकों को सजा देना जरूरी है।’
24 फरवरी को पीएम मोदी ने कहा कि ‘इस बार आतंक फैलाने वालों से पूरा हिसाब लिया जाएगा। आतंकी फैक्ट्री पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी इस बार मेरे ऊपर है, तो हम इसे बखूबी पूरा भी करेंगे। आतंक के पैराकारों को पूरी ताकत से दंडित किया जाएगा।’