रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने प्रकरण दर्ज किया है। आरटीआई कार्यकर्ता उचित शर्मा की शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद ईओडब्ल्यू में यह प्रकरण दर्ज किया गया है। पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह वर्ष-2010 तक प्रतिनियुक्ति पर रहे और बाद में इस्तीफा देकर दिसंबर 2018 तक संविदा नियुक्ति पर कार्यरत रहे। उन पर सेवा में रहते हुए पद का दुरूपयोग कर आय से अधिक संपत्ती अर्जित करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में बताया गया था कि दोनों अधिकारियों ने आय से दीगर अर्जित की गई संपत्ती को कुछ निजी कंपनियों में निवेश भी किया है।
पूर्व प्रमुख सचिव की पत्नी यास्मिन सिंह वर्ष-2005 से दिसंबर 2010 तक पीएचई और ग्रामीण विकास विभाग में संविदा पर कार्यरत रहीं। दोनों के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की गई थी। राज्य शासन ने उक्त शिकायत जांच के लिए ईओडब्ल्यू को सौंपा और अब प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद यह प्रकरण दोनों के खिलाफ दर्ज किया गया।
ईओडब्लू ने प्राथमिक जांच में पाया कि आईएएस दंपति की छत्तीसगढ़ में रायपुर, दुर्ग के अलावा भोपाल और दिल्ली में अचल संपत्ति है। इसके अलावा नोएडा, गुड़गांव और विदेशों में अचल संपत्ति होने की संभावना है। जिसकी जांच अभी चल रही है। यास्मिन सिंह ने अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा शासन को उपलब्ध नहीं कराया है।
जांच में यह भी पाया गया कि यास्मिन सिंह को सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड को नजर अंदाज कर नियम विरूद्ध नियुक्ति की गई है। यह भी कहा गया कि अमन सिंह द्वारा स्वयं वायएम सिंह मेमोरियल फाउंडेशन में प्रमोटर रहे और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह शासकीय विभाग में संविदा नियुक्ति के बावजूद प्राइवेट कंपनी सृष्टि नेचुरल में भागीदार रही परंतु इसकी सूचना शासन को नहीं दी गई। इन प्राथमिक जांच में आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर दोनों के खिलाफ ब्यूरों में धारा-13 ए बी और धारा-13 दो के साथ-साथ 120 ब के तहत जांच कर विवेचना में ले लिया गया है।