Coronavirus in Ambikapur : कोरोना से सीधी जंग लड़ रहे हैं अंबिकापुर के ये चिकित्‍सक

0
102

अंबिकापुर। Coronavirus in Ambikapur कोरोना को हराने के लिए समाज का हर वर्ग सजग है। सभी के समन्वित प्रयास तथा केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन कर ही करोना को हम हरा सकते हैं। कोरोना से जंग में पर्दे के पीछे जनता है तो उससे सीधे डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी लड़ रहे हैं। इनमें भी कुछ चिकित्सक ऐसे हैं, जिनकी सीधी लड़ाई कोरोना से है, क्योंकि जिसका सैंपल लेकर वे जांच के लिए भेज रहे हैं, वह कोरोना पाजीटिव भी हो सकता है, लेकिन इसकी तनिक भी चिंता नहीं है और संकट की इस घड़ी में सेवा को ही अपना धर्म मानकर अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को ताक में रख चिकित्सक कार्य में जुटे हुए हैं।

ऐसे ही एक चिकित्सक अंबिकापुर मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष डॉ. रमणेश मूर्ति है। कोरोना संकट की इस घड़ी में उनका विभाग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, यहां संभावितों का सैंपल लिया जाता है। सैंपल लेने का काम खुद डॉ. मूर्ति करते हैं। सैंपल लेने के लिए चिकित्सक को मरीज के नजदीक जाना होता है।

एक मीटर की भी दूरी नहीं रहती, अब तक उन्होंने 60 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा है। डॉ. मूर्ति कहते हैं कि सामान्य दिनों की तरह आज भी वे अस्पताल आते हैं और मरीजों की जांच तथा सैंपल लेकर भेजने के काम में लगे हुए हैं। चिकित्सकों द्वारा जिस किसी का सैंपल लेने की अनुशंसा की जाती है।

उसके लिए माइक्रोबायोलाजी विभाग ही संपूर्ण प्रक्रिया पूरी करता है। सुबह से देर रात तक अस्पताल में सेवा देने के बाद घर के भीतर प्रवेश करने से पहले उन्हें स्वच्छता का पूरा ख्याल भी करना पड़ता है। घर पहुंच जाने के बाद भी लगभग एक घंटे तक साफ-सफाई और खुद को सैनिटाइज करने में लगता है, उसके बाद ही वे आराम से घर के भीतर बैठ सकते हैं।

डॉ. मूर्ति की धर्मपत्नी डॉ. मधुमिता मूर्ति भी मेडिकल कालेज अंबिकापुर में निश्चितना विभाग की एचडी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की इस घड़ी में चिकित्सक दंपती अपनी नौकरी को सेवा मानकर मरीजों की जांच और आवश्यकतानुसार उपचार की व्यवस्था में जुटे हुए हैं।

माइक्रोबायोलाजी विभाग के डॉ. रमणेश मूर्ति द्वारा शासकीय अस्पतालों में पदस्थ चिकित्सकों और विशेषज्ञों को भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और नियंत्रण की जानकारी देने के साथ ही संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है। समय-समय पर वे शासकीय अस्पतालों के चिकित्सकों को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।

कार्यव्यवहार में बदलाव नहीं

डॉ. रमणेश मूर्ति का कहना है कि संकट की इस घड़ी में उनके कार्य व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है बल्कि जिम्मेदारी बढ़ गई है। वह जिस किसी का भी सैंपल लेकर जांच के लिए भेजते हैं, उनमें से किसी का भी रिपोर्ट पाजीटिव आ सकता है, लेकिन उन्हें इस बात की चिंता नहीं होती, लेकिन सैंपल लेने के दौरान वह इतना एहतियात जरूर बरतते हैं कि संभव है सामने वाला संक्रमित हो।