नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के रीवा में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 750 MW के सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया जो एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व कई केंद्रीय मंत्री इस इवेंट में मौजूद हैं।प्रधानमंत्री ने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज रीवा ने इतिहास रच दिया। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही और अब इसमें एशिया का सबसे बड़े पावर प्रोजेक्ट का नाम जुड़ गया। ऊपर से देखने से लगता है कि खेतों में सोलर पैनल मौजूद हैं। इसके लिए मैं मध्य प्रदेश और रीवा के लोगों को बधाई देता हूं शुभकामनाएं देता हूं। इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा।’
उन्होंने कहा, ‘सौर ऊर्जा श्योर है, प्योर है और सिक्योर है। श्योर इसलिए क्योंकि सूर्य सदा सर्वदा चमकता रहेगा, प्योर इसलिए क्योंकि पर्यावरण को प्रदूषित करने के बजाए सुरक्षित करेगा सिक्योर इसलिए क्योंकि इसलिए क्योंकि ये हमारी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे, तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन जाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों, किसानों, आदिवासियों को होगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इस दशक में रीवा का यह सोलर प्लांट इसे ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा।’
ट्वीट में उन्होंने कहा, मैं कल (10 जुलाई) को सुबह 11 बजे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश के रीवा में बने 750 मेगावाट की सौर परियोजना का उद्घाटन करूंगा। यह परियोजना 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को गति प्रदान करती है ।
दिल्ली मेट्रो को करेगी बिजली आपूर्ति
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया कि इस प्रोजेक्ट में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर जमीन पर 250-250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयां शामिल हैं और यह प्रोजेक्ट हर साल करीब 15 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी।’ बता दें कि यह प्रोजेक्ट राज्य के बाहर एक संस्थागत ग्राहक को आपूर्ति करने वाली पहली अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट है। यह दिल्ली मेट्रो को अपने कुल उत्पादन का 24 फीसद बिजली देगी जबकि शेष 76 फीसद मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को देगी।