नई दिल्ली। कांग्रेस के प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि गांधी परिवार को कभी पद की लालसा नहीं रही। गोहिल ने दावा किया कि 1991 में नरसिम्हा राव ने सोनिया गांधी को पीएम बनने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया। यूपीए-1 में सोनिया गांधी ने खुद को नहीं मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व पार्टी चीफ राहुल गांधी के पास यूपीए-2 में प्रधानमंत्री बनने का मौका था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अस्वस्थता के कारण राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने की पेशकश की थी। गोहिल ने आगे कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने मनमोहन सिंह की पेशकश को स्वीकार करने से मना कर दिया और अनुरोध किया था कि वह अपना कार्यकाल पूरा करें।
गांधी परिवार ने दिखाया त्याग
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार गोहिल ने जोर देकर कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने हमेशा त्याग दिखाया है और निजी हितों से ऊपर पार्टी और देशहित को रखा है। उन्होंने कई मौकों पर बड़े त्याग किए और सत्ता की कभी लालसा नहीं की। उन्होंने पुराने उदाहरण सामने रखते हुए कहा कि गांधी परिवार कभी पद के लिए लालायित नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि आज देश के युवा और कांग्रेस के कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही पार्टी का नेतृत्व करें। लेकिन इस बारे में निर्णय लेने का अधिकार कांग्रेस कार्यसमिति और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को है।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर प्रियंका गांधी की एक टिप्पणी पर बहस छिड़ गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए।
प्रियंका गांधी ने क्या कहा है
हाल में आई एक पुस्तक ‘इंडिया टुमॉरो’ में दावा किया गया है कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी की उस बात का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए। इस पुस्तक के अनुसार, प्रियंका गांधी ने यह भी कहा है कि कोई पार्टी अध्यक्ष भले ही गांधी परिवार से नहीं हो, वह उनका ‘बॉस’ होगा। उन्होंने कहा है कि ऐसे कई योग्य लोग हैं, जो पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं।