ईशा कोप्पिकर का दावा, बहुत सी हीरोइनों ने कास्टिंग काउच के चलते बनाई है टॉप पर जगह

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नई दिल्ली : फिल्म अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर का कहना है कि भाई-भतीजावाद, पक्षपात और समूहवाद जैसी प्रथाएं केवल बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी मौजूद हैं। ‘अब राजा का बेटा, राजा नहीं बनेगा, अब राजा वही बनेगा, जो हकदार होगा’ ऋतिक रोशन स्टारर फिल्म ‘सुपर 30’ का एक डायलॉग पर रोशनी डालते हुए फिल्म अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने कहा है कि ऐसी बातें केवल फिल्मों में अच्छी लगती हैं और वास्तविक परिदृश्य पूरी तरह से अलग है।

बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद और इनसाइडर बनाम आउटसाइडर की मौजूदा बहस पर बात करते हुए अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर का कहना है कि अंत में केवल कड़ी मेहनत ही है, जो मायने रखती है। इस बारे में बात करते हुए ईशा कोप्पिकर ने कहा, ‘चाहे आप इसे भाई-भतीजावाद कहें या पक्षपात, मैं मानती हूं कि यहां हमारे जैसे बाहरी लोगों के लिए जगह नहीं है लेकिन कई ऐसे स्टार किड्स आए और बहुत कुछ नहीं कर पाए, शायद उन्हें मौके मिलने के बाद भी हुनर की कमी थी। हालांकि हमारे जैसे बाहरी लोगों के लिए हर चौराहे पर एक परीक्षा होती है और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। माधुरी दीक्षित, दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा जोनास, अनुष्का शर्मा ये सभी बाहर से आए हैं और उन्होंने अपनी जगह बनाई है।’

बॉलीवुड में मौजूदा कैंपों की बात करें तो ईशा कोप्पिकर इस बात से इनकार नहीं करती हैं लेकिन वह यह भी कहती है कि इस बारे में बात करना शिकायत करने जैसा है। ईशा कोप्पिकर कहती है, ‘हां, कैंप हैं, लेकिन मैं इस बारे में क्या कह सकती हूं? हो सकता है कि ये लोग उन लोगों के साथ काम करना चाहते हों, जिन्हें वे पसंद करते हैं, उनके दोस्त और जो लोग उनकी बात सुनते हैं। मुझे नहीं पता है कि अंदर क्या होता है, इसलिए मैं कल्पना नहीं करना चाहती। मेरी भी शिकायतें हैं। मैं बुरी बन सकती हूं।’

कास्टिंग काउच के बारे में बात करते हुए ईशा कोप्पिकर ने कहा, ‘बेशक यह भी होता है लेकिन फिर यह निर्भर करता है कि आप क्या चाहते हैं। आपको कास्टिंग काउच के सहारे काम करना हैं, तो करो, बहुत से हीरोइनों ने किया है और टॉप मुकाम पर भी पहुंची हैं लेकिन अगर आप नहीं चाहते हैं, तो ऐसा न करें। आपके पास हमेशा एक विकल्प होता है। मैं रात को अच्छी नींद पसंद करती हूं।’

बॉलीवुड में कथित ड्रग नेक्सस के बारे में बातचीत का उल्लेख करने पर ईशा कोप्पिकर कहती है कि उनका मानना है कि टिप्पणी करने के लिए उनके पास कोई ‘अधिकार’ नहीं है और इस प्रक्रिया में किसी की भावना को चोट पहुंच सकती है। हालांकि ईशा विस्तार से बताती है, ‘एक आदमी अपनी कंपनी के लिए जाना जाता है, जिसे वह रखता है। मैं अपने बारे में बात कर सकती हूं। मैंने ऐसी किसी भी चीज़ का सामना नहीं किया है और न ही मैंने ऐसा कोई काम किया है, जो मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाए लेकिन हां, मुझे लगता है कि यह ड्रग माफिया एक ऐसी चीज है जिस पर अंकुश लगाने की जरूरत है, क्योंकि यह युवाओं को तबाह कर रहा है। न्यायपालिका को कार्रवाई करनी चाहिए।’