नई दिल्ली। राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में पीएम मोदी सोमवार को संबोधित कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार यह जानकारी मिली है। कृषि कानून और किसान आंदोलन के मद्देनजर सभी की नजरें अब प्रधानमंत्री के भाषण की ओर टिकी हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए सभी चिंताओं और सवालों का जवाब दे सकते हैं।
तीनों कृषि कानूनों के पीछे के औचित्य को समझाते हुए चल रहे किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में पीएम मोदी के भाषण के गंभीर राजनीतिक महत्व होने की संभावना है। इस साल संसद के बजट सत्र में तीनों कृषि कानूनों के कारण भारी हंगामा देखा गया है। ऐसे में सदन को कई बार स्थगित किया गया है और यह मुद्दा पिछले दो दिनों से काफी विवाद पैदा कर रहा है।
वहीं सत्ता पक्ष की ओर से तीसरे दिन लोकसभा नहीं चलने के बाद यह संकेत दिया गया कि यदि विपक्ष हंगामा जारी रखता है, तो धन्यवाद प्रस्ताव लोकसभा में बिना बहस के भी पारित कराया जा सकता है। सत्ता पक्ष का तर्क है कि बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को खत्म हो रहा है और सरकार को बजट के साथ कुछ जरूरी विधेयक भी पारित कराने हैं। ऐसे में विपक्ष अपना अडि़यल रुख नहीं छोड़ता तो सरकार के पास आखिर में इसी विकल्प का रास्ता बचेगा। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं से कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार पर दबाव बनाए रखने के लिए आक्रामक रुख अपनाए रखना जरूरी है।