भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (digvijay singh) के ताजा ट्वीट ने एक बार फिर मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश में मामू (शिवराज सिंह चौहान) का जाना तय है। दिग्विजय ने दो नेताओं के नाम भी बताएं हैं, जो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। इधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दिग्विजय के ट्वीट पर पलटवार किया है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक ट्वीट जारी कर दो नेताओं के नाम बताए हैं, जो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल है। सिंह ने कहा है कि अब मप्र भाजपा में मुख्यमंत्री के लिए केवल दो ही उम्मीदवार दौड़ में रह गए हैं। मोदीजी के उम्मीदवार प्रहलाद पटेल व संघ के उम्मीदवार वीडी शर्मा, बाकी उम्मीदवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है। मामू (shivraj singh chahan) का जाना तय है। गौरतलब है कि रविवार को दिग्विजय ने ट्वीट के जरिए कहा था कि मैं सोमवार को सूची जारी कर बताउंगा कि कौन-कौन उम्मीदवार हैं। वायदे के मुताबिक दिग्विजय ने सोमवार को ट्वीट के जरिए दो उम्मीदवारों के नाम बताए।
रविवार को कही थी सूची देने की बात
इससे एक दिन पहले रविवार को दिग्विजय सिंह के ट्वीट ने हलचल पैदा कर दी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि आजकल भाजपामोदीशाह अपने मुख्यमंत्रियों को बदल रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी कुछ हमारे भाजपा के अपने आप को योग्य समझने वाले नेताओं की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कितने और कौन-कौन मप्र भाजपा में उम्मीदवार हैं, कोई हमें बता सकता है? नहीं बताओगे तो मैं कल सूची दे दूंगा।
वीडी शर्मा ने किया पलटवार
इधर, दिग्विजय के ट्वीट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया है। शर्मा ने कहा कि कमलनाथजी की सरकार गिराने का श्रेय आप ही को जाता है, और आपको इस पर फक्र है। लेकिन ये कांग्रेस के संस्कार हैं, भाजपा के नहीं। हमें शिवराजजी के नेतृत्व में अपनी सरकार पर गर्व है और हम जनकल्याण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आपके गोरख धंधे बंद हो गए, इसलिए पीड़ा होना स्वाभाविक है।
पिछले माह भी चला था अटकलों का दौर
पिछले माह भी मध्यप्रदेश की सियासत में सिंधिया के दौरे को लेकर सियासत गर्मा गई थी। क्योंकि सिंधिया के दौरे से पहले मध्यप्रदेश में कई दिग्गज नेताओं की बंद कमरे में मुलाकातों का दौर तेज हो गया था। सत्ता, संगठन और संघ के पदाधिकारियों की मीटिंग होने लगी थी। इसके बाद मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई थीं। इसके बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र को बयान देना पड़ा था कि शिवराजजी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे, मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री बने रहेंगे।