रायपुर । कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मंच पर सियासी कैमेस्ट्री का नजारा दिखा। मंच पर कुर्सियों की व्यवस्था से लेकर अतिथियों के सम्मान में दिया राजकीय गमछा चर्चा में रहा। राहुल गांधी की कुर्सी के एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो दूसरी तरफ मंत्री मोहम्मद अकबर बैठे थे। मुख्यमंत्री बघेल के बगल में विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत तो अकबर के बगल में मंत्री टीएस सिंहदेव थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंच पर जब अपना भाषण दे रहे थे, उस दौरान राहुल गांधी से मंत्रियों के एक-एक करके चर्चा की। सबसे पहले चर्चा करने मंत्री टीएस सिंहदेव पहुंचे। राहुल की कुर्सी के बगल में खड़े होकर सिंहदेव ने चर्चा शुरू की। इस दौरान राहुल ने अकबर की कुर्सी पर सिंहदेव को बैठने का इशारा किया।
सिंहदेव ने करीब पांच मिनट तक राहुल से चर्चा की। सिंहदेव जब राहुल से चर्चा कर रहे थे, उस समय मंच पर बैठे मंत्रियों की नजर दोनों के संवाद पर टिकी थी। शुरू से आखिरी तक मंत्री रविंद्र चौबे दोनों को बातचीत करते हुए देखते रहे। इससे पहले बस्तर के विकास की प्रदर्शनी और विभागों की प्रदर्शनी के दौरान मंत्री राहुल के पास पहुंचते रहे, लेकिन सिंहदेव राहुल के घेरे से बाहर ही नजर आए।
चर्चा यह शुरू हो गई कि सिंहदेव से दूरी बनाई गई है। हालांकि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब राहुल मंच से उतरने लगे तो सिंहदेव से एक बार फिर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल, डा महंत और रविंद्र चौबे राहुल के पीछे खड़े थे। मंच सिंहदेव और राहुल की चर्चा खत्म हुई, तो मंत्री रुद्र गुरु पहुंचे। रुद्र गुरु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की खाली कुर्सी पर बैठकर राहुल से चर्चा की। रुद्र करीब एक मिनट में अपनी बात रखकर अपनी कुर्सी पर बैठ गए। इसके बाद शिव डहरिया, जय सिंह अग्रवाल ने भी राहुल से चर्चा की।