भोपाल में 10 नए मरीज मिले, 99 पहुंची कोरोना पॉजिटिव की संंख्या

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भोपाल । राजधानी भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज की दो छात्राएं कोरोना वायरस की चपेट में आ गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के दो कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। इससे अब भोपाल में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 99 तक पहुंच चुकी है। राजधानी में कोरोना पॉजिटिव की बढ़ती संख्या को देखते हुए भोपाल शहर सहित जिले को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। राजधानी में 99 कोरोना पॉजिटिव में अभी तक करीब 55 संक्रमित लोग स्वास्थ्य कर्मी है।

गौरतलब है कि राजधानी भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीज लगातार मिल रहे हैं। गुरुवार को भी नए मामले सामने आने के बाद राजधान रायपुर में कोरोना मरीजों के मामले सामने आने के बाद अभी तक कुल 99 कोरोनो पॉजिटिव

10 नए मरीज मिले हैं। सभी स्वास्थ्य संचालनालय में पदस्थ हैं। इनमें छह कंप्यूूटर ऑपरेटर हैं। बाकी चतुर्थ श्रेणी व अन्य कर्मचारी हैं। इसके साथ ही भोपाल में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 94 पहुंच गई है। इसमें 53 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने के चलते भोपाल को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। कोई भी बाहरी व्यक्ति जिले में प्रवेश नहीं कर पाएगा न ही बाहर जा सकेगा।

इसके अलावा एक पत्रकार समेत दो लोगों की भी पहली जांच पॉजिटिव आई है। पुष्टि के लिए उनके दोबारा सैंपल लिए गए हैं। बुधवार को कुल 90 जांच रिपोर्ट आई हैं। इसमें से 80 नेगेटिव रहीं, वहीं 10 पॉजिटिव पाए गए। भोपाल में अभी तक एक व्यक्ति की मौत इस बीमारी से हो चुकी है, जबकि दो लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। अब तक संक्रमित मरीजों में जमाती 20, पुलिस विभाग के 15 कर्मचारी व उनके परिजन शामिल हैं।

बीआरटीएस बसों से होगा खाद्यान्न परिवहन

शहर में खाद्यान्न की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी बीसीएलएल की बसों पर होगी। बसों से शहर में खाद्यान्न वितरित किया जाएगा। वहीं नगर निगम के वेंडर सब्जी बेचने घरों तक जाएंगे। जरूरी सामानों की ऑनलाइन डिलीवरी भी चालू रहेगी।

एम्स से नाराज होकर चिरायु गईं एनएचएम की संचालक रंजना गुप्ता, बोलीं- मैं वहां मरने नहीं गई थी

कोराना वायरस का इलाज कराने के लिए एम्स में भर्ती राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की संचालक डॉ.रंजना गुप्ता बुधवार को वहां से नाराज होकर चिरायु मेडिकल कॉलेज चली गईं। कोरोना मरीज होने के चलते एम्स के डॉक्टरों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। एसडीएम से भी बात कराई, पर वहीं नहीं रुकीं।

इसके बाद सुरक्षा गार्ड ने गेट पर उनकी एंबुलेंस रोकने की कोशिश की, पर उन्होंने एंबुलेंस को रुकने नहीं दिया। एम्स में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. रजनीश जोशी ने बागसेवनिया थाने में इसकी सूचना दी है।

इस पर डॉ. गुप्ता का कहना है कि एम्स में व्यवस्थाएं ठीक नहीं, इसलिए अपनी मर्जी से चिरायु मेडिकल कॉलेज गई हूं। पुलिस को सूचना देने की बात पर उन्होंने कहा कि मैं एम्स में मरने नहीं गई थी। इसके पहले उपसंचालक डॉ. सौरभ पुरोहित दो दिन पहले एम्स से चिरायु मेडिकल कॉलेज चले गए थे।

एम्स में भर्ती सभी स्वास्थ्यकर्मी चिरायु में होंगे शिफ्ट

रंजना गुप्ता के अलावा एम्स में स्वास्थ्य विभाग के 11 कर्मचारी-अधिकारी भर्ती हैं। सभी चिरायु में शिफ्ट करने के लिए अपने अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे। बुधवार को स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई ने एम्स में प्रबंधन को पत्र लिखकर सभी को चिरायु अस्पताल में इलाज के लिए ट्रांसफर करने को कहा है। यह कर्मचारी एम्स में नाश्ता और खाना अच्छा नहीं मिलने, डॉक्टरों के देखने के लिए नहीं आने व प्रोटोकाल के अनुसार इलाज नहीं करने की शिकायत कर रहे थे।

एम्स ने प्रीति पांडेय के आरोप को गलत बताया

एम्स में भर्ती कोरोना संक्रमित एनएचएम के आईटी कंसल्टेंट राजकुमार पांडेय की पत्नी प्रीति पांडेय ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनके पति का ठीक से इलाज नहीं हो रहा है। एमपी नगर के एसडीएम एनके सिंह ने बुधवार को एम्स पहुंचकर इसकी जांच की। यहां डॉ. लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि वीडियो में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।

पांडेय की शुरू से नियमित जांच हो रही है। उन्हें इलाज के तरीके बारे में भी बताया गया है। डॉ. लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि राजकुमार की हालत स्थिर है, इसलिए उन्हें आईवी व विटामिन सी देने की जरूरत नहीं है। उन्हें वही भोजन दिया जा रहा है जो अस्पताल के चिकित्सक करते हैं। प्रशासन ने उनके घर का सैनिटाइजेशन व जरूरी सामग्री की आपूर्ति भी कराई है।

डॉ. रंजना गुप्ता ने कुछ बताया ही नहीं। उन्हें कुछ शिकायत थी तो मुझे बताना चाहिए था। प्रीती पांडेय ने एम्स में भर्ती उनके पति राजकुमार पांडेय के इलाज में दिक्कतों का आरोप लगाते हुए एक वीडियो जारी किया है। एम्स में सभी मरीजों का इलाज तय प्रोटोकाल के अनुसार किया जा रहा है। डॉक्टर-नर्स पूरे समर्पण के साथ काम कर रहे हैं। खाना भी ठीक मिल रहा है। – प्रो.(डॉ.) सरमन सिंह, डायरेक्टर, एम्स भोपाल

पिछले सात दिनों में कब कितने मरीज मिले?(ग्राफ बना लें)

तारीख–पॉजिटिव

2 अप्रैल– 4

3 अप्रैल– 7

4 अप्रैल– 3

5 अप्रैल– 23

6 अप्रैल– 22

7 अप्रैल– 21

8 अप्रैल– 10