भोपाल । आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत रवींद्र भवन में सोमवार सुबह महान कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की जयंती के मौके पर स्मरण: सुभद्रा कुमारी चौहान का आयोजन किया गया। इस मौके पर सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं पर आधारित सांगीतिक प्रस्तुति और पुस्तक ‘आजादी बनाम फांसी अथवा कालापानी” का विमोचन किया गया। यह पुस्तक पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने लिखी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। इस मौके पर शिवराज सिंह ने देश के अमर क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि हम देश के अमर बलिदानियों को भूल रहे हैं। इस पुस्तक के माध्यम से उनकी स्मृतियों को चिरजीवी बनाए रखने का प्रयास रघुनंदन शर्मा ने किया है। मैं पूरा प्रयास करूंगा कि देशभक्तों को इतिहास हमारी युवा पीढ़ी और बच्चों तक पहुंचे। तकनीकी कई मामलों में फायदेमंद है, लेकिन यह युवाओं को भटका भी रही है। इसलिए युवा मोबाइल और कंप्यूटर पर ज्यादा समय देने के बजाय अच्छी पुस्तकें पढ़ें। इस मौके पर सुरेंद्र वानखेड़े और साथियों ने सुभद्रा कुमार चौहान की रचनाओं पर आधारित सांगीतिक प्रस्तुति की शुरुआत खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी… से की। रघुनंदन शर्मा ने पुस्तक के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें 40- 45 क्रांतिकारियों के बारे संक्षिप्त जानकारी है। 401 छंद की पुस्तक को एक ही कविता के रूप में लिखा है। पुस्तक बताती है कि ये आजादी हमें उपहार में प्राप्त नहीं हुई। इसके लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा है। यदि हम सोचते हैं कि हमें आजादी शांतिपूर्ण धरने से मिली है, तो यह भी गलत है। आजादी के लिए हमारे वीर क्रांतिकारियों ने कई वेदनाएं सही हैं। क्रांतिकारियों के इसी संघर्ष को व्यक्त करने का प्रयास मैंने अपनी पुस्तक में किया है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संस्कृति और पर्यटन उषा ठाकुर और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा थे। अभार प्रदर्शन संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का आयोजन स्वराज संस्थान संचालनाय की ओर से किया गया था।