मुंबई। पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीटकर की गई हत्या के मामले में टीवी पर बहस के दौरान सोनिया गांधी पर टिप्पणी करने वाले पत्रकार अर्णब गोस्वामी पर बीती रात घर लौटते समय हमला हो गया। पत्रकार के साथ चल रहे सुरक्षा कर्मियों ने दोनों हमलावरों को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया।
हमले की इस घटना पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री, विधि मंत्री और भाजपा अध्यक्ष ने तीखी निंदा की है। प्रेस कौंसिल आफ इंडिया ने भी हमले की निंदा करते हुए महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट तलब की है। एडीटर्स गिल्ड ने भी इस हमले की निंदा की है। इस बीच टिप्पणी से भन्नाए कांग्रेसियों ने अर्णब के खिलाफ देश भर में सौ से ज्यादा एफआइआर दर्ज कराई हैं। इन एफआइआर के खिलाफ अर्णब की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
बाइक सवार दो युवकों ने किया था हमला
बुधवार रात अर्णब गोस्वामी अपनी पत्नी के साथ लोअर परेल स्थित स्टूडियो से घर लौट रहे थे, उसी समय बाइक सवार दो युवकों ने उनकी कार के आगे आकर बाइक रोक दी और बंद खिड़की पर मुक्के से प्रहार करने लगे। युवकों ने कार पर स्याही भी फेंकी। तब तक अर्णब के पीछे दूसरी कार में चल रहे उनके अंगरक्षकों ने तुरंत आकर दोनों युवकों को पकड़ लिया और उन्हें एन.एम.जोशी मार्ग पुलिस को सौंप दिया गया।
भाजपा नेता गोस्वामी के समर्थन में खुलकर सामने आए
अर्णब पर हुए इस हमले के बाद से राजनीति गरमा गई। भाजपा पूरी तरह से अर्णब के पक्ष में उतर आई है। भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा सहित कई नेताओं ने निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है।
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस वही पार्टी है, जिसने देश में आपातकाल लगाया और वह अब भी अभिव्यक्ति को दबाने की इसी परंपरा को आगे बढ़ा रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि किसी भी पत्रकार पर किया जानेवाला कोई भी हमला निंदनीय है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी राज्य सरकार से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
एडीटर्स गिल्ड ने की हमले की निंदा
इस बीच एडीटर्स गिल्ड ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। गिल्ड ने मुंबई पुलिस से हमला कराने वालों का पता कर गिरफ्तार करने की मांग की है।
कांग्रेस ने देश भर में टीवी पत्रकार पर सौ से ज्यादा एफआइआर कराई
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं ने देश भर में अर्णब के खिलाफ एफआइआर दर्ज करानी शुरू कर दी हैं। छत्तीसगढ़ के 27 जिलों में 101 एफआइआर दर्ज कराई गई हैं। सबसे ज्यादा दुर्ग में 12 एफआइआर हुईं हैं। राजस्थान, दिल्ली, बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार और पंजाब में भी मामले दर्ज कराए गए हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में तो प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने एफआइआर कराई है। अर्णब ने देश भर में हो रही एफआइआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शरण ली है। उनकी याचिका पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की खंडपीठ शुक्रवार की सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई करेगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर भी अर्णब के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। कांग्रेस का कहना है कि चैनल व अर्णब ने प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर को लिखे पत्र में महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव ने अर्णब के चैनल द्वारा केबल टेलीविजन नेटवर्क रूल्स, 1994 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
उधर नेशनल युनियन ऑफ जर्नलिस्ट (एनयूजे) इंडिया ने भी अर्णब पर हमले की निंदा की है। बता दें कि मंगलवार को अर्णब ने पालघर में हुई दो संतों समेत तीन लोगों की हत्या पर बहस करते हुए पूछा था कि इस हत्याकांड पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुप क्यों हैं।