Budget 2021: बजट के दौरान म्यान में ही रहीं तलवारें, आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़े कदम

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नई दिल्ली। फिर से साबित हो गया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जहां किसानों, गरीबों और आम जनता के विकास को लेकर हर रास्ता अपनाने को तैयार है, वहीं विपक्ष की सोच ही संक्रमित हो गई है। सोमवार को जो बजट पेश किया गया उसमें भविष्य की दिशा को भूलकर अगर विपक्ष यह आरोप लगाए कि कुछ बड़े उद्योगपतियों के हाथ देश बेचा जा रहा है तो मान लेना चाहिए कि विपक्ष अब सिर्फ विरोध की राजनीति करेगा। इतिहास गवाह है कि सच्चाई से मुंह मोड़कर कभी कोई नेता बड़ा कद हासिल नहीं कर पाया।

पिछले दो-ढाई महीने से कुछ किसानों की आड़ में विपक्ष राजनीति करता रहा। यह बरगलाने की कोशिश होती रही कि सरकार किसानों की जमीन छीन रही है। सोमवार को फिर से साफ हो गया कि कांग्रेस काल में किसानों को कितनी मदद मिलती थी और आज के दिन उन्हें क्या दिया जा रहा है। एपीएमसी को लेकर विवाद खड़ा किया गया कि बाजार खत्म हो जाएंगे और फिर एमएसपी। सरकार ने बजट में उलटा इसे मजबूत करने की घोषणा कर दी। दरअसल विपक्षी कुछ उसी तरह का उपद्रव कर रहे हैं जिस तरह गणतंत्र दिवस के दिन कुछ कृषि कानून विरोधियों ने किया। तिरंगे का अपमान किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष जनमानस की भावना, किसानों की मासूमियत का अपमान कर रहा है।

सरकार को खुद तलाशने होंगे रास्ते

सरकार ने तो बहुत ईमानदारी से बता दिया कि खजाने की हालत अच्छी नहीं है। अभी चार-पांच साल राजकोषीय घाटा बहुत बड़ा रहेगा, लेकिन सोच यह है कि आगे बढ़ना है तो खर्च करना पड़ेगा। इसके लिए केवल निजी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सरकार को खुद रास्ते तलाशने होंगे। दुनिया जानती है कि बैंकों के क्या हालात हैं। अगर सरकार उनका निजीकरण कर रही है या फिर उद्योग-धंधे की जरूरत, ढांचागत विकास के लिए पैसे की जरूरत विनिवेश से हो पूरी हो रही है तो क्या गलत है, लेकिन राहुल को लगा कि देश उद्योगपतियों के हवाले किया जा रहा है। यही आरोप कृषि कानूनों को लेकर भी लगाया जा रहा था। मध्यम वर्ग को बहुत अरसे से कर में राहत की उम्मीद थी। कुछ गलत भी नहीं है, क्योंकि खुद प्रधानमंत्री कुछ वर्ष पहले संकेत दे चुके हैं कि वह भी यही चाहते हैं, लेकिन यह तभी संभव होगा जब आयकर का दायरा बहुत बड़ा हो जाए। ऐसा लगता है कि वर्तमान बजट शायद ऐसा भारत तैयार कर सके। क्या राहुल गांधी को इससे आपत्ति है।

भारत आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ा रहा कदम

कोरोना को लेकर बहुत हाय तौबा मचा। कांग्रेस ने पहले लाकडाउन पर और बाद में कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया। पहली बार बजट में स्वास्थ्य प्राथमिकता में आया है। भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाता दिख रहा है, तो इसमें राहुल गांधी को क्या आपत्ति है। सच्चाई यह है कि यह बजट पहली बार हर नागरिक के जीवन में गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाने की दिशा में कदम है।