नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके नेता राहुल गांधी ‘ड्रामेबाजी’ कर रहे हैं और राजनीतिक दलों को प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलों का राजनीतिकरण करने से बचना तथा जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद कहा कि सरकार इस मुद्दे के हल के लिए कांग्रेस सहित सभी दलों से सहयोग मांगेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों को पहले ही सूचित कर दिया है कि प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए लगभग 1,500 ट्रेनें उपलब्ध हैं। यह संबंधित राज्यों के अनुरोध पर आधारित है।
उन्होंने आर्थिक पैकेज और प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलों से निपटने के बारे में कांग्रेस की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की। उन्होंने आश्चर्य जताया कि कांग्रेस या उसके गठबंधन के शासित राज्य अधिक ट्रेनों के लिए क्यों नहीं अनुरोध कर रहे हैं और अपने प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में मदद क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बदले वे पैदल ही अपने घर जा रहे प्रवासी मजदूरों को रोककर और उनसे बातचीत कर उनके दुखों को बढ़ा रहे हैं। बेहतर होता कि वे उनके साथ-साथ पैदल चलते और उनके सामान या उनके बच्चों को भी ढोते।
वित्त मंत्री ने सोनिया गांधी से भी किया अनुरोध
वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विगत शनिवार को अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के एक समूह से बातचीत करने का जिक्र कर रही थीं। उन्होंने सवाल किया, ‘वे हमें ड्रामेबाज कह रहे हैं। कल प्रवासियों को रोककर और सड़क पर उनके साथ बातचीत करके और उनका समय बर्बाद करने से क्या हुआ? क्या वे ड्रामेबाज नहीं हैं?’ वित्त मंत्री ने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में कांग्रेस ने कहा था कि सरकार का आर्थिक पैकेज प्रधानमंत्री की ओर से देश से किए गए वादे से काफी दूर है। उन्होंने इसे ‘जुमला पैकेज’ करार दिया था। उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अनुरोध करती हूं कि हम जिम्मेदारी से बोलें और अपने प्रवासी कामगारों के साथ अधिक जिम्मेदारी से पेश आएं।’