पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत के प्रति बौखलाहट कम होने का नाम नहीं ले रही. पहले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर इमरान ने पूरी दुनिया के सामने रोना रोया, अब नागरिक संशोधन बिल पर वे भारत के खिलाफ राग अलाप रहे हैं. तमाम कोशिश के बाद भी पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को सबसे बड़े वैश्विक मंच संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में उठाने में ‘नाकामयाब’ रहा. जिसके बाद से पाकिस्तान की बौखलाहट बरकरार है. कश्मीर मामले में दुनियाभर में दाल न गला पाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करना शुरू कर दिया.
इमरान के समेत कई पाकिस्तानी मंत्रियों ने इस कानून पर जमकर झूठी अफवाह फैलाई, इससे भी बात नहीं बनी तो इमरान ने जिनेवा में आयोजित पहले वैश्विक शरणार्थी मंच (ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम) पर मंगलवार को कश्मीर और भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का मुद्दा उठाते हुए परमाणु बम की धमकी फिर से दे डाली.
नागरिकता संशोधन अधिनियम
इमरान ने भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम का भी मुद्दा उठाते हुए विश्व समुदाय से इस पर ध्यान देने की अपील की. उन्होंने कहा, “भारत के मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करने के लिए यह कानून बनाया गया है. भारतीय मुसलमानों के अधिकार छीने जा रहे हैं. इस कानून के खिलाफ भारत में दंगे हो रहे हैं और लोग सड़कों पर हैं.”
उन्होंने कहा, “दुनिया जान ले कि भारत में शरणार्थियों का एक बहुत बड़ा संकट जन्म ले रहा है. कश्मीर में अस्सी लाख लोग पहरे में हैं. वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश की जा रही है. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दो एटमी ताकतों में टकराव हो सकता है.”
उन्होंने कहा कि बेसहारा शरणार्थियों की समस्या से अमीर मुल्क नहीं निपट सकते. ऐसे हालात बनाने होंगे कि लोग शरणार्थी बनने पर मजबूर न हों. उन्होंने कहा कि अपनी तमाम मुश्किलों के बावजूद पाकिस्तान तीस लाख अफगान शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है.
इमरान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से किया आग्रह
इमरान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह ‘कश्मीर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन’ का संज्ञान ले. उन्होंने जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने के भारत के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि कश्मीर का विवाद एक और बड़ी शरणार्थी समस्या को जन्म दे सकता है.
इमरान युनाइडेट नेशन्स हाईकमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज और स्विट्जरलैंड की सरकार द्वारा जिनेवा में आयोजित इस दो दिवसीय ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम के सहसंयोजक हैं. उन्होंने कहा कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच कश्मीर मुद्दा गंभीर रूप ले सकता है.