नई दिल्ली: यूरोपीय संसद में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने कहा कि कहा कि नागरिकता कानून आंतरिक मामला है, यूरोपीय संसद में CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाने वालों को तथ्यों की जानकरी नहीं है.
अधिकारी ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि यूरोपीय यूनियन में इस प्रस्ताव को लाने वाले और इसका समर्थन करने वाले लोग सभी तथ्यों को समझने के लिए भारत से संपर्क करेंगे. ईयू संसद को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे लोकतांत्रिक तरीके से चुनी विधायिका के अधिकारों पर सवाल खड़े हों.’
दरअसल, यूरोपीय संसद सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया है जिस पर आगामी बुधवार को बहस और मतदान होना है. संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया था. प्रस्ताव में भारत से अपील की गई है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ ‘रचनात्मक बातचीत’ हो और ‘भेदभावपूर्ण सीएए’ को निरस्त करने की उनकी मांग पर विचार किया जाए. प्रस्ताव में कहा गया है, ‘सीएए भारत में नागरिकता तय करने के तरीके में खतरनाक बदलाव करेगा. इससे नागरिकता विहीन लोगों के संबंध में बड़ा संकट विश्व में पैदा हो सकता है और यह बड़ी मानव पीड़ा का कारण बन सकता है.’