येरुशलम। इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और एक समय उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे बेनी गेंट्ज ने आपातकालीन सरकार के गठन में महत्वपूर्ण प्रगति होने की घोषणा की है। दोनों नेताओं ने रविवार को इस सिलसिले में विस्तृत वार्ता की। इस मिली-जुली सरकार का गठन कोरोना वायरस के जारी प्रकोप को देखते हुए किया जा रहा है। महज 87 लाख की आबादी वाले इजरायल में कोरोना पीड़ित लोगों की संख्या तीन हजार के पार चली गई है।
इजरायल में साल भर में तीन चुनाव होने के बाद किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिला। बीते हफ्ते अरब पार्टियों ने गेंट्ज की ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी।
इससे 120 सदस्यों वाली संसद नीसेट में गेंट्ज के समर्थक सदस्यों की संख्या 62 हो गई थी। राष्ट्रपति ने भी गेंट्ज को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर लिया था। लेकिन इसी बीच देश में कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ गया और विपक्षी एकता में भी फूट पड़ गई। इसके बाद नेतन्याहू ने अपने सेना प्रमुख रहे गेंट्ज की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया।
इसका नतीजा यह हुआ कि बीते गुरुवार को संसद के स्पीकर के चुनाव में गेंट्ज को नेतन्याहू की लिकुड पार्टी का समर्थन मिला और वह निर्विरोध स्पीकर बन गए। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच गठबंधन सार्वजनिक हो गया। इसमें नेतन्याहू को इजरायल का प्रधानमंत्री बने रहना था। दोनों पार्टियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया है कि शनिवार-रविवार की पूरी रात चली दोनों नेताओं की वार्ता में सरकार के गठन पर सहमति बन गई है। एक समय गेंट्ज की समर्थक रहीं तेलेम पार्टी और येश अतीद पार्टी ने उन पर नेतन्याहू से लड़े बगैर ही उनके सामने समर्पण करने की बात कही है।