भोपाल । विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष को पूर्व मुख्यमंत्री के समान सुविधाएं देने के लिए अब सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ की व्यवस्था का अध्ययन कराएगा। इसके लिए सोमवार को विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति ने विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार को निर्देश दिए। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष का प्रोटोकाल में नाम लोकायुक्त से ऊपर रखने, विधानसभा के पूर्व सदस्यों को प्रोटोकाल में शामिल करने के संबंध में भी कार्रवाई करने के लिए कहा। विधानसभा में आयोजित समिति की बैठक में पूर्व विधानसभा अध्यक्षों को छत्तीसगढ़ की तरह पूर्व मुख्यमंत्रियों के समान सुविधाएं देने के विषय पर विचार किया गया।
इस दौरान बताया गया कि छत्तीसगढ़ में पूर्व अध्यक्षों को पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह सुविधा दी गई है। इसमें कैबिनेट मंत्री को जो सुविधा मिलती हैं, वो दी जाती हैं। इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग को अध्ययन करके कदम उठाने के लिए कहा गया। समिति ने विधानसभा अध्यक्ष का नाम प्रोटोकाल में लोकायुक्त से ऊपर करने की बात भी कही।
दरअसल, लोकायुक्त की चयन समिति में विधानसभा अध्यक्ष भी सदस्य होते हैं, इसलिए उनका स्थान ऊपर होना चाहिए। विधानसभा के पूर्व सदस्यों को अभी प्रोटोकाल नहीं मिलता है। समिति ने इन्हें भी सूची में शामिल करने के लिए कहा। विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदस्यों के प्रोटोकाल से जुड़ी समस्याओं के निराकरण में विलंब पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इसे प्राथमिकता से लिया जाए।
पूर्व सदस्यों से लिया जाएगा किराया : पूर्व सदस्यों को विधानसभा के विश्रामगृह में प्रति माह दो चरण में तीन-तीन दिन निश्शुल्क कक्ष देने और फिर चौथे दिन चार सौ और पांचवें दिन से पांच सौ रुपये प्रतिदिन किराया लेने पर चर्चा की गई। केंटीन की व्यवस्था में सुधार के निर्देश भी दिए गए। प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि समिति ने सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों को बैठक में उठे विषयों से अवगत करा दिया है। अब वे इस संबंध में आगामी कार्रवाई करेंगे।