कोरोना संक्रमण के चलते रद्द हुईं ट्रेन और फ्लाइट के यात्रियों को एक साल पूरा होने के बाद भी टिकट का रिफंड नहीं मिल सका। रेलवे ने तो अब तक राजस्थान के करीब 3 लाख यात्रियों को 63 करोड़ रुपए का रिफंड दे दिया है, वहीं जिन रेगुलर ट्रेनों को रद्द किया गया था। उन यात्रियों को किराया रिफंड देने की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया।
नियमानुसार कोरोना से पहले और अभी स्पेशल ट्रेनों में लिए गए कंफर्म या वेटिंग टिकट के ट्रेन रवाना होने के बाद कोई रिफंड नहीं दिया जाता, जबकि ट्रेन रवाना होने के 30 मिनट पहले तक आधा, 48 घंटे पहले तक 25 फीसदी और उससे भी पहले सिर्फ क्लेरिकल चार्ज काटकर रिफंड किया जाता है।
रेलवे के पास एमएसटी के ढाई हजार लोगों के 10 लाख पेंडिंगरेलवे ने कोरोना के कारण रद्द हुई रेगुलर ट्रेनों के करीब 3 लाख यात्रियों को लगभग 63 करोड़ रुपए का रिफंड तो दे दिया। लेकिन जयपुर से करीब ढ़ाई हजार लोगों की बनी मंथली सीजन टिकट (एमएसटी) और क्वार्टर सीजन टिकट (क्यूएसटी) के करीब 10 लाख रुपए को रिफंड करने की अभी तक कोई योजना नहीं बनाई है। हालांकि जिन स्टेशनों से डेमू ट्रेन चलाई जा रही है, उनमें एमएसटी धारकों को यात्रा करने के लिए कहा गया है, लेकिन नई एमएसटी नहीं करने के भी आदेश भी जारी किए हैं। गौरतलब है कि उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर, जोधपुर, अजमेर और बीकानेर में करीब 15 हजार यात्रियों के एमएसटी पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
आरएसी टिकट दे रहे लेकिन जनरल टिकट से अभी भी परहेज… रेलवे ने जनरल टिकट दिए जाने पर रोक लगा दी है जबकि स्लीपर और एसी कोच में मिडिल बर्थ और आरएसी टिकट दे रहा है। इंटर सिटी यात्रा के लिए जनरल टिकट की सुविधा दी जा सकती है। रेलवे इस तरह के कोचों की संख्या को कम करके भी यात्रियों को यह सुविधा दे सकता है।
31 तक एयर लाइंस को देना था रिफंडट्रेवल एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष और टूरिज्म एक्सपर्ट धीरज मित्तल ने बताया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार एयरलाइन्स को 31 मार्च तक कैंसिल टिकट्स का रिफंड देना था। थाई एयरवेज, एयरोफ्लॉट और मॉरीशस एयरलाइंस ने राजस्थान के 550 यात्रियों के किराए का करीब 11.60 करोड़़ अटका रखे हैं। एयर इंडिया ने 10 हजार यात्रियों को रिफंड देना शुरू कर दिया है। सिंगापुर और इंडिगो ने 100 फीसदी रिफंड कर दिया है।