डीजीसीए ने स्पाइसजेट के पूरे बेड़े का निरीक्षण शुरू किया

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नई दिल्ली। भारत के विमानन नियामक ‘नागर विमानन महानिदेशालय’ (डीजीसीए) ने घोषणा की है कि वह स्पाइसजेट के मुंबई-दुर्गापुर के बीच उड़ान भरने वाले विमान के उतरते समय टब्र्युलेंस की चपेट में आने से 17 लोगों के घायल होने की घटना के बाद विमानन कंपनी के पूरे बेड़े का निरीक्षण कर रहा है। रविवार को हुई इस घटना के समय विमान में दो पायलट और चार क्रू मेंबर समेत 195 लोग सवार थे। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घटना पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि इस पूरे मामले को बहुत गंभीरता और तत्परता से लिया गया है। डीजीसीए ने जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति बना दी है। जांच पूरी होने पर घटना के कारणों व निष्कर्षो को संबंधित लोगों से साझा किया जाएगा।

डीजीसीए ने बताया कि जांच लंबित रहने तक विमान के चालक दल, विमान रखरखाव इंजीनियर (एएमई) और स्पाइसजेट रखरखाव नियंत्रण केंद्र के प्रभारी को रोस्टर से हटा लिया है। डीजीसीए ने कहा कि रविवार को जिस विमान के साथ घटना घटी थी, उसे कोलकाता में खड़ा किया गया है। स्पाइसजेट के बाकी विमान परिचालन में हैं। स्पाइसजेट की वेबसाइट के अनुसार इसके बेड़े में 91 विमान हैं।

डीजीसीए के अनुसार मुंबई से दुर्गापुर के लिए रविवार को उड़ान भरने वाला विमान उतरने के दौरान टब्र्युलेंस (गंभीर वायुमंडलीय विक्षोभ) की चपेट में आ गया था। इसके चलते 14 यात्री और तीन विमानकर्मी घायल हो गए थे। बयान में कहा गया है कि दो यात्री इस समय आइसीयू में हैं जिनमें से एक के सिर में चोट लगी है और दूसरे को रीढ़ की हड्डी में चोट आई है।

‘घटना के समय आटो पायलट मोड में था विमान’

एएनआइ के अनुसार प्रारंभिक जांच से पता चला है कि घटना के समय बोइंग बी737 विमान आटो पायलट मोड में था। डीजीसीए की रिपोर्ट में कहा गया कि टब्र्युलेंस के दौरान, आटो पायलट मोड दो मिनट के लिए बंद हो गया तब चालक दल ने मैन्युअल रूप से विमान को उड़ाया।

विमान यात्रियों से कहा गया था सीट पर बैठे रहें : स्पाइसजेट

विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने कहा कि मुंबई-दुर्गापुर उड़ान में रविवार को हादसे के समय सीट बेल्ट साइन चालू था और चालक दल के सदस्यों की ओर से यात्रियों को सीट पर बैठे रहने कई घोषणाएं की गईं थीं। स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा कि एक मई को मुंबई से दुर्गापुर जाने वाली स्पाइसजेट की उड़ान एसजी-945 पर यात्रा करने वाले 11 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिन्हें उतरने के दौरान टब्र्युलेंस का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप कुछ यात्रियों को चोटें आईं। स्पाइसजेट प्रवक्ता के मुताबिक अस्पताल में भर्ती आठ लोगों को छुट्टी दे दी गई है। कंपनी घायल लोगों की हर संभव मदद कर रही है। प्रवक्ता ने बताया कि विमान के दुर्गापुर में उतरने पर तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई। उन्होंने कहा कि स्पाइसजेट इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर खेद व्यक्त करता है और वह घायलों को हरसंभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध करा रहा है।

क्या होता है टब्र्युलेंस?

तेजी से चलती हवा किसी पहाड़ी या चोटी से टकराकर लहर जैसा रूप ले लेती है। इसे ही टब्र्युलेंस कहते हैं। कम ऊंचाई पर चलने वाली आंधी के कारण अक्सर टब्र्युलेंस बनता है। सूरज की गर्मी भी कभी-कभी इसका कारण बन जाती है। किसी विमान के पास से अचानक दूसरा विमान गुजरना भी इसका कारण बन सकता है, इसी कारण तय नियमों के तहत हवा में विमानों के बीच दूरी बनाकर रखी जाती है। टब्र्युलेंस में किसी विमान को अपनी तरफ खींचने या आगे धकेलने की ताकत होती है। स्पाइसजेट के विमान को गंगा के मैदानी इलाकों में आने वाले तूफान काल बैसाखी के कारण बने टब्र्युलेंस का सामना करना पड़ा था। इस तूफान को नोर वेस्टर्स भी कहा जाता है। छोटा नागपुर पठार से शुरू होकर यह तूफान बिहार और झारखंड को अपने घेरे में लेता है। वहां से पूर्व की ओर बढ़ते हुए यह बंगाल और ओडिशा से टकराकर वहां तेज बारिश और आंधी का कारण बनता है। फिर धीरे-धीरे हल्का पड़ जाता है।