LockDown in Mahasamund : मामूली आमदनी वाला युवक कोरोना के योद्धाओं को रोज तीन बार मुफ्त पिला रहा चाय

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कोरोना से जंग में हर संवेदनशील व्यक्ति कुछ न कुछ योगदान दे रहा है। ऐसे में महासमुंद शहर के युवक गोपी का योगदान कम नहीं आंका जा सकता। लॉकडाउन में जब शहर की चाय-नाश्ता की दुकानें बंद हैं, वह रोजाना तीन बार घूम-घूमकर ऐसे लोगों को मुफ्त में चाय पिला रहा है, जो इस जंग में डटे हुए हैं।

महीने में बमुश्किल दस हजार रुपये की आमदनी वाले इस युवक के योगदान को लोग करोड़ों के दान से भी बड़ा मान रहे हैं। गोपी की चाय का इंतजार करने वाले पुलिस के जवान कहते हैं कि गोपी की लगन देखकर हौसला मिलता है। उसके देशप्रेम को हमारा सलाम। शहर के वार्ड-29 बीटीआइ रोड निवासी गोपी कन्नौजे डिजिटल टीवी कनेक्शन का काम करता है।

उसने बताया कि लॉकडाउन में काम बंद है। ऐसे में घर परिवार से दूर रहकर कोरोना से जंग लड़ रहे लोगों के प्रति कुछ करने की इच्छा जागृत हुई। विचार आया कि कम से कम वह चाय तो पिला ही सकता है। पत्नी रामेश्वरी से चर्चा की, तो वह तुरंत सहमत हो गई।

परिवार के लोगों ने भी सराहा। फिर क्या था। सेवा शुरू हो गई। रोज सुबह, शाम और रात दस बजे शहर में घूम-घूमकर इस जंग में जुटे लोगों को चाय पिला रहा है। गोपी कहता है कि देश के लिए कुछ करने का मौका हमेशा नहीं मिलता। ऐसा करने से उसे बहुत खुशी मिल रही है। वह बताता है कि इन दिनों आमदनी ठप है। जो थोड़ी-सी जमापूंजी है, उसे ही लगा रहा है।

गजब का लड़का है

नागेंद्र दवा दुकान संचालक नागेंद्र भूषण नशीने कहते हैं कि लॉकडाउन में आसपास की सभी दुकानें बंद हैं। केवल मेडिकल शॉप खुले हैं। दिन में कई बार चाय पीने की इच्छा होती है। घर दूर है और चाय की दुकानें बंद। ऐसे में गोपी की चाय का बेसब्री से इंतजार रहता है। उसकी निस्वार्थ सेवा काबिलेतारीफ है। गजब का लड़का है।