रायपुर। राजधानी समेत प्रदेशभर में निजी और सरकारी स्कूल खुल चुके हैं। यहां शिक्षकीय और गैर शिक्षकीय कार्य में लगे शिक्षक कर्मियों में अभी तक 10.35 प्रतिशत को वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लग पाई है। वहीं 45.35 प्रतिशत कर्मचारी-शिक्षकों को अभी तक एक ही डोज की खुराक मिल पाएगी। ये स्थिति तब है जब शिक्षकों को प्राथमिकता में रखा गया था। स्कूल शिक्षा विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक अभी भी 10 फीसद से अधिक शिक्षक वैक्सीनेशन से दूर हैं। ऐसे में वैक्सीन नहीं लग पाने से यह प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं।
प्राथमिकता में होने बाद भी लक्ष्य अधूरा: राज्य में शिक्षक से जुड़े करीब 3,28, 404 शिक्षक या कर्मी हैं। राज्य सरकार ने शिक्षकों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्राथमिकता में रखा गया है। प्रदेश की आबादी करीब तीन करोड़ है। इनमें अभी तक डेढ़ करोड़ लोगों का टीकाकरण हो पाया है।
अफसरों का तर्क- वैक्सीन नहीं है
मामले में स्कूल शिक्षा और चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला का कहना है कि स्कूली शिक्षकों को प्राथमिकता में रखा गया है। वैक्सीन कम आने के कारण शत-प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो पाया है। राज्य सरकार की ओर से लगातार टीकाकरण कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
स्कूलों में शिक्षकीय कार्य में लगे शिक्षक
स्कूल के प्रकार कुल शिक्षक वैक्सीनेशन नहीं एक डोज दोनों डोज
सरकारी स्कूल 176294 15084 76829 84381
अनुदान प्राप्त स्कूल 2275 224 950 1101
निजी स्कूल 64339 7356 29448 27535
गैर शिक्षकीय कर्मचारी
सरकारी 74811 10241 37206 27364
अनुदान प्राप्त 1144 178 451 515
निजी स्कूल 9541 893 4062 4586
कुल संख्या 328404 33976 148946 145482
प्रतिशत में 100 10.35 45.35 44.30