रायपुर। छत्तीसगढ़ के बजट को मंत्री टीएस सिंहदेव ने डिस्टिंक्शन दिया, तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सिर्फ पासिंग मार्क दिया है। बजट पर प्रतिक्रिया में मंत्री सिंहदेव ने कहा कि यह बजट सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाला है। स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल पर फोकस किया गया है। सरकार ने अपने घोषणा पत्र के अनुसार, किसानों और आदिवासियों के लिए विशेष प्रावधान किया है। जब उनसे सवाल किया गया कि वे बजट को दस में से कितने अंक देंगे, तो सिंहदेव ने साढ़े सात अंक दिए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने बजट को निराशाजनक बताया और दस में से सिर्फ चार अंक दिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने बजट को दिशाहीन और निराशाजनक बताया है। उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस के जनघोषणा पत्र की कोई झलक दिखाई ही नहीं दे रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि पहले बजट से छत्तीसगढ़ देश में 15 से 21 स्थान पर फिसला अब दूसरे बजट से कहा पहुंचेगा पता नहीं? बजट वैचारिक दिशाहीनता और नेतृत्व की विफलता का श्वेत पत्र है, जिसमें योजनाओं का झुनझुना थमाकर लोगों को जरूरतों और जरूरी विकास कार्यों की अनदेखी कर दी गई है। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी जैसी अपनी ही योजना के प्रति सरकार कोई ठोस काम करने की इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है। शराबबंदी के वादे पर सरकार फिर मौन साधे बैठ गई है। कुपोषण से मुक्ति के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किया है।
कहां गया दस लाख युवाओं का रोजगार- नेताम
भाजपा अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि घोषणा पत्र में 10 लाख बेरोजगार युवाओं को मासिक भत्ता और रोजगार का वादा कहां गया। सुपेबेड़ा, सरगुजा, बस्तर को एयर एंबुलेंस की सेवा से जोड़ना, छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलना, महिला सुरक्षा के नाम पर विशेष महिला पुलिस स्टेशन बनाना, दैनिक मजदूरों के लिए सुरक्षित आय सुनिश्चित करने के साथ राज्य के लोगों को बिजली बिल हाफ करने जैसे वादों को पूर्ण न करना राज्य की जनता के साथ धोखा है। सरकार ने जनता के विश्वास को तोड़ा है, जिसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
दीया न तेल, केवल नाउम्मीदी का खेल- कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आम जनों की चिंता नहीं की गई है। बजट को लेकर यही कहा जा सकता है कि दीया है न तेल है, केवल नाउम्मीदी का खेल है। जिन वादों के साथ कांग्रेस सत्ता में आयी है, उन्हीं वादों से मुकर रही है। उद्योगों को निराशा हाथ लगी है। आधारभूत संरचना को मजबूत करने के दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। निवेश की संभावनाएं शून्य हैं। महिला सुरक्षा की कोई चिंता नहीं की गई है। गरीब, मजदूर, किसान, युवाओं को बजट में ठगा गया है। बजट पूरी तरह से कोरी कल्पनाओं पर केंद्रित है।
थोथा चना, बाजे घना – विजय
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा कि बजट की तरफ युवा बड़ी आशा भरी निगाहों से देख रहे थे लेकिन नई नौकरियों के लिए कोई प्रयास नहीं दिखता और न ही 25 सौ रुपये बेरोजगारी प्रोत्साहन भत्ता के लिए कोई प्रावधान है। यह बजट थोथा चना बाजे घना के समान है। बजट सरकार की अलोकप्रियता में और इजाफा करेगा। जिस बजट से उन्हीं के मंत्रिमंडल के सदस्य 10 में साढ़े सात अंक दे रहे हैं, उस बजट में प्रदेश के विकास की किरण देखना बेमानी है।
शराबबंदी की जगह खोल रहे तीन नई फैक्ट्री- पूजा
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पूजा विधानी ने कहा कि महिलाओं के उत्थान, सशक्तीकरण और सुरक्षा के लिए बजट में चुप्पी आश्चर्यजनक है। बजट का अधिकांश हिस्सा तो ऋण चुकाने में ही चला जाएगा, तो 21 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ में कराहते प्रदेश के सर्वांगीण विकास की उम्मीद बेमानी है। शराबबंदी के बजाए शराब की तीन नई फैक्टरी खोलने की घोषणा कर सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी।