रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि खेती-किसानी को मजबूत बनाकर और हर हाथ को काम देकर गांव के पुराने गौरव को फिर से स्थापित करना राज्य सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना जैसे कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह बातें गुरुवार को राज्य कृषक कल्याण परिषद के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद महेंद्र कर्मा की जयंती पर उन्हें याद करते हुए नमन किया।
कार्यक्रम में कृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष महेंद्र चंद्राकर, सदस्य बसंत टाटी, नागेंद्र नेगी, संजय गुप्ता, भगवान पटेल, जानकीराम सेठिया, नंद कुमार पटेल, डेहराराम साहू, खम्मन पटेल, जगदीश दीपक, शरद यादव, श्रवण चंद्राकर, चुन्नीलाल वर्मा और शशि गौर ने पदभार ग्रहण किया। मुख्यमंत्री ने परिषद के नवनियुक्त सभी पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उन्हें राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी हर किसान तक पहंुचाने, गोठानों को और अधिक सक्रिय करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि परिषद के पदाधिकारी हरेली का त्योहार गोठानों में जाकर मनाए। इसके अलावा जब भी वे गांव के दौरे पर जाएं तो गोठानों में बैठक कर वहां की गतिविधियों की समीक्षा भी करें। इस संबंध में सुझाव से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि गोठानों में अलग-अलग गतिविधियों से जोड़े और यह भी देखे गोठानों में नेपियर घास लगाई गई है कि नहीं और मवेशियों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था है कि नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजो से पहले हमारे गांव उत्पादन के केंद्र होते थे। शहर व्यापारिक केंद्र का काम करते थे। अंग्रेजो के समय शहरों में बड़े-बड़े कारखाने स्थापित हुए, इससे उत्पादन और वाणिज्य के केंद्र गांव के स्थान पर शहर बन गए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यस्था मजबूत बनाने हर संभव प्रयास कर रही है। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि कृषि का विकास छत्तीसगढ़ के विकास का मूल आधार है। राज्य सरकार की योजनाओं से किसानों की जेब में पैसा पहंुचा और बाजार गुलजार हुए। लाकडाउन के समय देश की अर्थव्यवस्था में जहां मंदी आई, वहीं छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी सहित अन्य गतिविधियां चालू रही।
सरकार की योजनाओं का ऐसे हो रहा असर
मुख्यमंत्री कहा कि राज्य शासन की योजनाओं का लाभ दूरस्थ अंचलों के किसानों, वनोपज संग्राहकों को भी मिल रहा है। उनकी जेब में पैसा जा रहा है और इसका असर व्यापार में भी दिख रहा है। इसका प्रमाण है कि बीजापुर जिले में वर्ष 2018 में जहां एक ट्रेक्टर बिका था, वही ऋण माफी और 25 सौ स्र्पये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी के बाद बीजापुर जिले में वर्ष 2019-20 में 73 ट्रैक्टर और 1235 मोटर साइकिल और एक कमर्शियल ट्रैक्टर की बिक्री हुई। अगले साल इस जिले में 60 ट्रैक्टर और 1998 मोटर साइकिल और तीसरे साल में 133 ट्रैक्टर, 968 मोटर साइकिल की बिक्री अब तक हो चुकी है। इनमें 11 कमर्शियल ट्रैक्टर की बिक्री भी शामिल हैं।