Coronavirus Chhattisgarh News : कोरोना वायरस ने दिखाया आइना, बस्तर बनेगा मेडिकल हब

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जगदलपुर ।Coronavirus Chhattisgarh News : क्षेत्रफल में केरल राज्य से बड़े बस्तर संभाग में शासन-प्रशासन के साथ मिलकर आम लोगों की जागरूकता और मिलकर लड़ी जा रही जंग के कारण अब तक कोरोना वायरस को घुसपैठ करने का मौका नहीं मिला है।

कोविड-19 महामारी ने बस्तर के लिए सबक दे दिया है कि ऐसे किसी संकट से बचाव के लिए दीर्घकालिक नीतियां और कार्यक्रम बनाकर स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार से जुड़ी योजनाओं को समय-सीमा तय कर मूर्त रूप दिया जाए। बस्तर में जिस तरह से रिकार्ड समय में महारानी अस्पताल को नया जीवन दिया गया और मेडिकल कॉलेज में सुविधाएं बढ़ाई गई उससे उम्मीद बढ़ी है कि लंबित योजनाओं पर भी तेजी से काम होगा। कलेक्टर का एक चिकित्सक होना भी बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार को प्राथमिकता दे रहा है।

इसे विडंबना ही कहा जाएगा किंतु सत्य यही है कि पूरे प्रदेश में मलेरिया से होने वाली मौतों में सबसे अधिक करीब 74 फीसद बस्तर में होती हैं। हर साल कई लोग उल्टी-दस्त से काल कलवित हो जाते हैं। जापानी बुखार, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी की दस्तक समय-समय पर सुनने को मिलती है। नक्सलवाद का दंश भोग रहे बस्तर में सबसे अधिक संख्या में जवानों को शहादत देनी पड़ी है।

ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश चार राज्यों से घिरे बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सुविधा में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद विस्तार हुआ है पर क्या बस्तर में कोरोना महामारी के संक्रमण जैसी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं, यह बड़ा सवाल है। बस्तर को मेडिकल हब बनाने से जुड़ी भविष्य के लिए कई योजनाएं हैं लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि योजनाओं को मूर्त रूप देने जैसी संवेदना के साथ काम करने की अपेक्षा थी, वैसा हुआ नहीं।

एक मेडिकल कॉलेज सात जिला चिकित्सालय

बस्तर संभाग में वर्तमान में स्वर्गीय बलीराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय डिमरापाल में संचालित है। छग राज्य गठन के बाद 2004 में एनएमडीसी के सहयोग से इसकी स्थापना का प्रस्ताव राज्य शासन ने स्वीकृत किया था। यहां 25 जुलाई 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अस्पताल की सुविधा का भी लोकार्पण किया। वर्तमान में यहां कोविड-19 के लिए 200 बेड का विशेष अस्पताल तैयार किया गया है।

हाल ही में कांकेर में नया मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है। इसके अलावा संभाग के हर जिले में एक-एक जिला चिकित्सालय है। इनमें सबसे पुुराना जगदलपुर स्थिति महारानी अस्पताल है। दो साल पहले यह मरणासन्न स्थिति में पहुंच गया था लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बुलंद आवाज और कलेक्टर डॉ अय्याज तंबोली के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा दिखाई गई गंभीरता और काम ने इसे नया जीवन दे दिया है।

एनएमडीसी के सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल का पता नहीं

तीन सितंबर 2008 को नगरनार स्टील प्लांट की आधारशिला रखने आए तत्कालीन इस्पात मंत्री और वर्तमान केंद्र सरकार में मंत्री रामविलास पासवान ने नगरनार क्षेत्र में सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल खोलने की घोषणा की थी। इसके लिए जिला प्रशासन ने कोपागुड़ा-खूटपदर में जमीन भी उपलब्ध करा दी है पर अभी तक इस प्रस्तावित अस्पताल की नींव नहीं रखी जा सकी है। इधर डिमरापाल में केेन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 10 मंजिला सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल जिसे ट्रामा सेंटर भी कहा जा रहा है, का निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। यदि सभी योजनाएं मूर्त रूप पाने में सफल रही तो वह दिन दूर नहीं जब बस्तर संभाग में दो मेडिकल मेडिकल कॉलेज, दो सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल और महारानी अस्पताल जैसा आदर्श जिला अस्पताल मिलकर बस्तर को मेडिकल हब के रूप में पहचान दिलाएंगे।

इनका कहना है

मेडिकल कॉलेज में सुविधाएं लगातार बढ़ रही हैं। महारानी अस्पताल का कायाकल्प करके सुविधाएं बढ़ाने का काम जारी है। डिमरापाल में सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल का भवन जल्द तैयार करने की कोशिश है। अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में मानव संसाधन की पूर्ति शासन की प्राथमिकता में है। स्थिति में काफी सुधार हुआ है और इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं।

– डॉ अय्याज तंबोली, कलेक्टर, बस्तर