Coronavirus in Chhattisgarh : सरकारी अस्पतालों में खुद ही बनाएंगे सैनिटाइजर

0
95

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय अस्पतालों में खुद का बनाया हुआ सैनिटाइजर उपयोग करने की कवायद स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कर दी है। इसके लिए खाद्य एवं औषधि विभाग अस्पतालों में सैनिटाइजर बनाने के लिए लगने वाली सामग्री उपलब्ध करा रहा है। विभाग की पहल से सभी शासकीय अस्पतालों में सैनिटाइजर की जरूरत पूरा हो सकेगा।

दरअसल कोरोना के चलते संक्रमण को देखते हुए इसकी बेहतर पहल स्वास्थ्य विभाग में जिला स्वास्थ्य सलाहकार के पद पर पदस्थ फार्मासिस्ट संदीप चंद्राकर ने की। खाद्य एवं औषधि विभाग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में इसकी शुरुआत की जा रही है। चंद्राकर ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते सैनिटाइजर और मास्क की किल्लत बाजार में हो गई है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार उनके द्वारा सैनिटाइजर अस्पताल में तैयार किया गया है। उन्होंने महज दो दिन में ही 200 लीटर सैनिटाइजर तैयार किया, जिसे पूरे जिले के शासकीय अस्पतालों में पहुंचाया गया। इसमें चंद्राकर ने नवरात्र में निर्जला उपवास रहते हुए 12 घंटे में 120 लीटर सैनिटाइजर तैयार किया। स्वास्थ्य विभाग भी उनकी इस पहल की सराहना कर रहा है।

दवाओं पर करते रहते हैं शोध

फार्मासिस्ट संदीप चंद्राकर ने बताया कि फार्मासिस्ट की पढ़ाई के बाद 2012-13 तक ड्रग कंपनी में दवाओं पर शोध का काम कर रहे थे। इसके बाद पं. रविशंकर शुक्ल विवि में भी उन्होंने प्राध्यापक के रूप में सेवाएं दीं। स्वास्थ्य विभाग में सेवारत चंद्राकर लगातार दवाओं को लेकर शोध करते रहते हैं।

चंद्राकर कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए सामान्य लोगों से सर्जिकल और एन-95 मास्क की जगह कॉटन से बने मास्क या रूमाल उपयोग में लाने की अपील कर रहे हैं, ताकि स्वास्थ्य कर्मियों के लिए मास्क की किल्लत न हो। उन्होंने अपने आधे महीने का वेतन भी शासन को दिया है।

एक लीटर सैनिटाइजर बनाने में कैमिकल की मात्रा

0 इथेनॉल 96 प्रतिशत, 833 एमएल

0 हाइड्रोजन पेरोक्साइड 03 प्रतिशत, 42 एमएल

0 ग्लिसरीन 98 प्रतिशत, 15 एमएल

0 डिस्टिल्ड वाटर लगभग 110 एमएल

इन उपकरणों की जरूरत

मीसरिंग सिलेंडर 1000 एमएल-1, 100 एमएल-2

पिपेट 10 एमएल-2

बीकर 250 एमएल-2

दिक्कतों को देखते हुए सभी जिला शासकीय अस्पतालों सैनिटाइजार बनाने की सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें महासमुंद, कवर्धा, बिलासपुर समेत कई जिलों में फार्मासिट के माध्यम से लैब में सैनिटाइजर तैयार किया जा रहा है। इससे शासकीय स्वास्थ्य कर्मचारियों की बाजार पर निर्भरता खत्म हो रही है। – हिरेंद्र पटेल, डिप्टी डायरेक्टर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन

– आंबेडकर अस्पताल में हम जरूरत के हिसाब से सैनिटाइजर तैयार कर रहे हैं। हाल ही में हमने अस्पताल के लिए 300 लीटर सैनिटाइजर लैब में खुद ही बनाया। वर्तमान में अभी हमारे पास 2800 लीटर अल्कोहल और पड़ा है। जब हमारी जरूरत होती है, सैनिटाइजर बना लेते हैं। – डॉ. विनीत जैन, अधीक्षक, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल, रायपुर