रायपुर . कोरोना वायरस ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर संभाग के बाद अब सरगुजा संभाग में भी अपनी दस्तक दे दी है। मंगलवार को पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से जारी रिपोर्ट के मुताबिक सूरजपुर से भेजे गए सैंपल में से एक में वायरस की पुष्टि हुई। यह कोरोना संक्रमित मरीज गढ़वा, झारखंड का रहने वाला है, जो मजदूरी के लिए छत्तीसगढ़ आया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सूरजपुर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही आश्रित शिविर में मजदूर को रखा गया था, उस कैंप को सील और सेनिटाइज्ड कर दिया गया।
कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के तत्काल बाद स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़ ने कोरोना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से चार सदस्यीय कमेटी सूरजपुर के लिए रवाना कर दी है। जानकारी के मुताबित कोरोना संक्रमित मजदूर गढ़वा से मजदूरी करने राजनांदगांव आया था। लॉक-डाउन होने पर वह कवर्धा और वहां से सूरजपुर जा पहुंचा। जहां उसे आश्रित शिविर में रखा गया। तीन दिन पहले सर्दी-जुकाम की शिकायत पर उसके सैंपल लिए गए और जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य विभाग में उप संचालक एवं प्रवक्ता डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि कैंप में ९० मजदूरों को रखा गया है। सभी की जांच करवाई जा रही है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग में राज्य स्तरीय टीम करेगी मदद
स्पेशल प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. प्रदीप टंडन, एपिडेमिओलॉजिस्ट डॉ. चंद्रशेखर तिवारी, यूनिसेफ कंसलटेंट डॉ. गजेंद्र सिंह और डब्ल्यूएचओ कंस्लटेंट डॉ. उर्विन शाह सूरजपुर के लिए रवाना हो गए। ये कांटेक्ट ट्रेसिंग में जिले की टीम की मदद करेंगे।
इधर एम्स से दो मरीजों की छुट्टी
कटघोरा के दो और कोरोना संक्रमित मरीजों को अंतिम टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मंगलवार को छुट्टी दे दी गई। अब यहां तीन कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज जारी है। इनमें दो कटघोरा के ही हैं और तीसरा मरीज एम्स का अपना नर्सिंग स्टाफ है।
एम्स निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर ने जानकारी देते हुए बताया कि जो ठीक मरीज हुए हैं, महिलाएं हैं। इनमें से एक वह महिला है जिसे पॉजिटिव पाए जाने पर उसके दो छोटे बच्चों के साथ एम्स लाया गया था। जहां कोरोना जांच में दोनों बच्चों की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई थी। डॉ. नागरकर के मुताबिक प्रदेश में केस घटे जरूर हैं, मगर पड़ोसी प्रदेशों में संक्रमण काफी बढ़ा हुआ है। इसलिए सतर्कता बरतना जरूरी है।