लोक संस्कृति सहेजने के लिए तैयार करें डिजिटल लाइब्रेरी : सीएम

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रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को निवास कार्यालय में संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की वैभवशाली और समृद्ध संस्कृति के विभिन्न् आयामों को सहेजने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की जाए। इससे विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नई पहचान दिलाने और भावी पीढ़ी को संस्कृति से परिचित कराने में सहायता मिलेगी।

लोक संगीत, लोक नृत्य, लोक साहित्य सहित विभिन्न् विधाओं के कलाकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां डिजिटल लाईब्रेरी में विशेषज्ञों की सहायता से संकलित की जाए। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में अनेक वाद्ययंत्रों का प्रचलन रहा है। ऐसे वाद्ययंत्रों की जानकारियां उनके नाम, बजाने की विधि की जानकारी रिकार्ड कर डिजिटल रूप से संग्रहित की जानी चाहिए।

संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने बताया कि लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना, मानस मंडली प्रोत्साहन योजना, अर्थाभावग्रस्त होनहार कलाकारों के लिए छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ की गई है। लोक कला और लोककलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए कलाकारों के पंजीयन के लिए विभाग द्वारा चिन्हारी पोर्टल तैयार किया गया है। कलाकारों और कला दलों को यूनिक पहचान पत्र देने की शुरुआत की जा रही है। राजधानी रायपुर में स्वामी विवेकानंद के प्रवास की स्मृतियों को सहेजने के लिए स्वामी विवेकानंद स्मारक भवन (डे-भवन) तैयार किया जा रहा है।

इसमें स्वामी विवेकानंद की जीवनी, उनकी आध्यात्मिक यात्रा, रायपुर प्रवास, स्वामी विवेकानंद के विदेश प्रवास और भारतीय संस्कृति पर उनके प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग गैलरी बनाई जा रही है। नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक स्पेस केंद्र विकसित किया जाएगा, जिसमें पुरखौती मुक्तांगन संग्रहालय परिसर में 10-10 एकड़ मंे भारत भवन, मानव संग्रहालय भवन, अभिलेखागार भवन बनाए जाएंगे।