
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित नवनिर्मित कृषि विज्ञान केंद्र भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि का विकास और किसानों का कल्याण राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास और इसे किसानों तक पहुंचाने के कार्य में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में विशेष रूप से कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, विधायक सत्यनारायण शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष राम कुमार पटेल, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डा. कमलप्रीत सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एसके पाटिल भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में कृषि विश्वविद्यालय में शुरू हो रही फाइटोसेनेटरी लैब का महत्वपूर्ण योगदान होगा। गांवों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में अब कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रसंस्करण तकनीक का उपयोग किया जाएगा। गोठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण, बिजली उत्पादन और वैल्यू एडीशन के कार्य में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में नवनिर्मित कृषि विज्ञान केंद्र भवन के अलावा अक्ती जैवविविधता संग्रहालय, नवनिर्मित नालेज सेंटर भवन और रिकार्डिंग स्टूडियो, फाइटोसेनेटरी प्रयोगशाला के लोकार्पण के साथ वर्चुअल रूप से उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर एवं कृषि महाविद्यालय रायगढ़ के नवनिर्मित महाविद्यालय भवन, बालक छात्रावास एवं कन्या छात्रावास भवनों और 16 कृषि महाविद्यालयों में निर्मित ई-क्लासरूम का लोकार्पण किया।
धान, तिंवरा, अलसी की किस्मों में प्रदर्शन
विश्वविद्यालय में धान की लगभग 24000 किस्मों, तिंवरा की 1009, अलसी की 2000 किस्मों का प्रदर्शन किया गया है। इस संग्रहालय में विभिन्न किस्मों की कुल 30,878 किस्मों का प्रदर्शन किया गया है। इसके अलावा किसानों की लगभग 500 से अधिक प्रजातियों का पंजीयन भारत सरकार में कराया गया है। ये प्रजातियां भी जैव विविधता संग्रहालय में प्रदर्शित की गई हैं। इन प्रजातियों का उपयोग नई प्रजातियों के विकास के लिए होगा। विश्वविद्यालय बनने के बाद बाद से आज तक विभिन्न फसलों की कुल 154 प्रजातियों का विकास किया गया है।
छत्तीसगढ़ समृद्ध राज्य बनने की ओर अग्रसर
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ कृषि के क्षेत्र में सबसे समृद्ध राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य के बजट से लगभग 25 से 30 हजार करोड़ रुपये धान खरीदी के माध्यम से किसानों को पहुंचा रहे हैं। कृषि विश्वविद्यालय में विकसित अधोसंरचना किसानों, वैज्ञानिकों और छात्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।