GST Council Meeting : छत्तीसगढ़ ने कहा- देश में आर्थिक मंदी, न बढाएं टैक्स

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GST Council Meeting रायपुर। छत्तीसगढ़ ने देश में आर्थिक मंदी को देखते हुए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल को टैक्स नहीं बढ़ाने का सुझाव दिया है। नई दिल्ली में बुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता काउंसिल की 38वीं बैठक हुई। इसमें राज्य के वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री टीएस सिंहदेव ने राज्य का बकाया 793 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की राशि को शीघ्र देने का आग्रह किया। जीएसटी काउंसिल की बैठक में छत्तीसगढ़ का प्रतिनित्वि कर रहे मंत्री सिंहदेव के साथ वाणिज्यिक कर आयुक्त व सचिव रीना कंगाल ने क्षतिपूर्ति अनुदान वर्ष 2021-22 के बाद भी जारी करने आग्रह किया। राज्य की तरफ से कहा कि वर्तमान आर्थिक मंदी को देखते हुए किसी तरह के कर दरों में वृद्धि करना अव्यवहारिक रहेगा।

अब आई है अगस्त- सितंबर की राशि

केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए जीएसटी का 35,298 करोड़ रुपए जारी किया था। इसमें छत्तीसगढ़ का 896 करोड़ भी शामिल है। यह राशि राज्य को अगस्त- सितंबर की क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में मिला है। अक्टूबर-नवंबर की राशि जो 10 दिसंबर तक मिल जानी थी, वह अब तक नहीं मिली है। बुधवार को हुई बैठक में राज्य की तरफ से इसका शीघ्र भुगतान करने का आग्रह किया गया।

इंडस्ट्री प्वाइंट पर टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव

राज्य की तरफ से जीएसटी एन्ज्यूमर एंड पर लगाने की बजाए इंडस्ट्री प्वाइंट पर लगाने का प्रस्ताव देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राय में जीएसटी के मौजूदा सिस्टम में छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों को नुकसान हो रहा है। उत्पादक राज्यों को पहले वैट टैक्स लगाने की छूट थी, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से यह अधिकार छीन गया है। ऐसे में केंद्र सरकार क्षतिपूर्ति अनुदान का भुगतान जैसे ही बंद करेगा उत्पादक राज्यों का नुकसान बढ़ जाएगा। इसी वजह से सीएम बघेल चाहते हैं कि जीएसटी इंडस्ट्री प्वाइंट पर लगाया जाए।

जीएसटी से इस वर्ष राज्य को 35 सौ करोड़ का नुकसान

वैट टैक्स खत्म होने से राज्य को लगातार नुकसान हो रहा है। 2017 में जीएसटी लागू हुआ, उस वर्ष राज्य को करीब 2500 का राजस्व घाटा हुआ। इस वर्ष यह आंकड़ा 3500 करोड़ के पास पहुंच गया है।

तीन वर्ष में पांच हजार करोड़ क्षतिपूर्ति

एक जुलाई 2017 से अक्टूबर 2019 के बीच राज्य को जीएसटी से 22 हजार छह सौ 70 करोड़ 94 लाख स्र्पये मिला है। स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स (एसजीएसटी) 10 हजार नौ 73 करोड़ और इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स (आइजीएसटी) के रूप में छह हजार दो सौ 14 करोड़ रुपए के साथ क्षतिपूर्ति के रूप में पांच हजार चार सौ 82 करोड़ रुपए भी शामिल है।