रायपुर । छत्तीसगढ़ में औषधीय पौधों के संरक्षण, संवर्धन और विकास की दिशा में हो रहे कार्यों की सराहना अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनाइटेड नेशन कंवेंशन टू कंबैट डिजरटी फिकेशन संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीयकरण रोकथाम कंवेंशन (यूएनसीसीडी) ने की है। संस्था ने राज्य के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर और छत्तीसगढ़ राज्य के पारंपरिक वैद्य संघ के प्रांतीय सचिव निर्मल अवस्थी को सम्मानित किया है।
यूएनसीसीडी की टीम ने मंत्री अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में औषधीय पौधों के विषय में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और राज्य के पारंपरिक वैद्य संघ के प्रांतीय सचिव अवस्थी को होम हर्बल गार्डन योजना के तहत औषधीय पौधों का ज्ञान और पारंपरिक ज्ञान आधारित चिकित्सा पद्धति के पुनरुत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है।
यूएनसीसीडी सचिवालय के मिस्टर रजेब बुलहारौत ने इसकी सरहाना करते हुए उन्हंे सर्टिफिकेट जारी कर सम्मानित किया है। छत्तीसगढ़ राज्य के 4800 पारंपरिक वैद्यों ने इसका स्वागत किया है। परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ के प्रांतीय कोषाध्यक्ष अवधेश कश्यप ने बताया कि प्रतिवर्ष औषधीय पौधों का निश्शुल्क वितरण कर राज्य की लोक स्वास्थ्य परंपरा, संवर्धन अभियान और घर अंगना जड़ी-बूटी बगिया योजना के तहत जन-जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है।
प्रदेश के पारंपरिक वैद्यों की तरफ से मौसमी बीमारियों के अलावा असाध्य रोगों में जीवनीदायिनी वनौषधियों जिसमें ब्राम्ही अश्वगंधा, सतावर, तुलसी, कालमेघ, गिलोय, अडूसा, चिरायता, पत्थर चूर, मंडूपपर्णी, भुईआवला, भृंगराज, हडजोड आदि बहुउपयोगी वनौषधियों का वितरण किया जाता है।