रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मैन फॉर वुमन कार्यक्रम आयोजित कर एक अभिनव पहल की है। राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में सिर्फ पुरुषों को शामिल किया गया और महिला सशक्तिकरण में पुरूषों की भूमिका के संबंध में उनके विचार जाने। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता सतीशचन्द्र वर्मा, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविद डॉ. जवाहर सूरी शेट्टी, बालाजी नर्सिंग होम के संचालक डॉ. देवेंद्र नायक ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में फॉरेंसिक एक्सपर्ट सुनंदा ढींगे ने महिलाओं को सायबर क्राइम से बचाव के तरीके भी बताए।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि महिला दिवस पर महिला ही नारी जागरण का झंडा उठाती है, उसकी बात सुनने वाली भी सभी महिलाएं ही होती हैं। जबकि पुरुषों के साथ सामंजस्य करके महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढऩा है, फिर चाहे परिवार हो या कार्यस्थल। तब फिर क्यो ना उन्हें अपना अच्छा सहयोगी, दोस्त, गाइड बना कर आगे बढ़ें।
कार्यक्रम में महाधिवक्ता सतीशचन्द्र वर्मा ने कहा कि नारी स्वयं शक्तिशाली है उसे किसी और शक्ति की जरूरत नहीं है। महिलाओं की शक्ति पर रोक लगाने की जो कोशिश की जाती है, उसे हटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुरूषों के नजरिया सही रखने से धीरे-धीरे बदलाव आएगा।
डीजीपी ने कही बड़ी बात
पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी ने कहा कि सामान्यत: देखने में आता है कि महिलाएं पुरूषों से ज्यादा महिलाओं से ही प्रताडि़त होती हैं। महिलाओं में उनका अहम गुण संवेदनशीलता का होता है जो उन्हें बनाए रखना चाहिए। पुरूषों को आगे बढ़ाने में महिलाओं का अहम योगदान है। समाज की हर बुलंद इमारत की नींव के रूप में महिलाएं ही है। महिलाओं जितना त्याग, बलिदान और समर्पण का गुण पुरूषों में नहीं होता। उन्होंने कहा कि महिलाएं कभी भी पुलिस के पास बेझिझक अपनी समस्याएं लेकर आ सकती हैं।
डॉ.नायक बोले ..इन्हें जरा सा पंख दोगे
डॉ. देवेंद्र नायक ने कहा कि महिलाओं को जरा सा पंख दोगे तो ये आसमान छू लेंगी। नारियों का सम्मान करना नहीं सीखा तो सब व्यर्थ है। उन्होंने बताया कि नर्स के रूप में ज्यादातर महिलाएं ही देखी जाती हैं क्योंकि उनमें संवेदना और ममत्व होता है। महिलाओं में अंदरूनी शक्ति होती है, जिसे बाहर लाने की जरूरत है। किसी व्यक्ति की डिग्री नहीं बल्कि उसका आत्मविश्वास और किरदार ही उसे ऊपर उठाता है। उन्होंने कहा कि उनके हॉस्पिटल में बेटी जन्म लेने पर कोई भी फीस न लेने का निर्णय लिया गया है।
डॉ. जवाहर सूरी शेट्टी ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि उनकी माँ और शिक्षिका का उनके जीवन और सफलता पर गहरा प्रभाव रहा। नारी किसी भी पुरूष का जीवन संवार सकती है। इस अवसर पर विभिन्न कार्य क्षेत्रों के गणमान्य नागरिक और शासकीय अधिकारी उपस्थित थे।