पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों ने की मदद, इसलिए प्रधानमंत्री का रुख नरम- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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रायपुर. भारत-चीन सीमा विवाद के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों ने सैकड़ों करोड़ रुपए दिए हैं। इस वजह से प्रधानमंत्री का रुख चीन के प्रति नरम है, जबकि इस पीएम केयर्स फंड का उपयोग कैसे होता है और उसे कैस नियंत्रित किया जाता है, इस बात की जानकारी किसी को नहीं है। इस कोष का ऑडिट भी नहीं होता है और यह कोष सार्वजनिक प्राधिकरण व सूचना के अधिकार कानून के अधीन भी नहीं आता है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मांग की कि वे फंड में मिली 9678 करोड़ रुपए की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं करते,जैसा कि उन्होंने मुख्यमंत्री सहायता कोष में मिली राशि की जानकारी को सार्वजनिक किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारवार्ता के दौरान कहा, केंद्रीय विदेश मंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री का बयान आता है कि चीन के सैनिक हमारी सीमा में घुस गए हैं और निर्माण कार्य भी किया है। जबकि प्रधानमंत्री इसका खंडन करते हैं। इनके बयान विरोधाभाषी है। इसे लेकर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

ठीक इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार लगातार कांग्रेस पर आरोप लगा रही है। जबकि हमने 2013 में चीन के कब्जे से जमीन वापस ली थी। उनका कहना है कि जब भी चीन मामले में सवाल किया जाता है, तो भाजपा ने असल मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए गलत सूचनाओं के संप्रेषण की नीति अपनाई है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि आखिर वो गुप्त समझौता क्या है, जिसके चलते आज मन की बात में प्रधानमंत्री ने एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी सबसे अधिक पांच बार चीन की यात्रा की है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस हमेशा से सवाल उठाती रही है और उठाती रहेगी।

चीनी सामान पर बेवजह की राजनीति

चीनी समानों के बहिष्कार को लेकर भी मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है, यदि केंद्र सरकार समान नहीं लाने देगी, तो इसका उपयोग कैसे होगा। इसे लेकर बेवजह की राजनीति हो रही है। इसे बंद करना चाहिए। इस मामले में केंद्र सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। छत्तीसगढ़ में सामान पर प्रतिबंध लगाने की बात है, तो विदेश नीति राज्य सरकार तय नहीं करती है। उन्होंने कहा, वर्तमान परिस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार चीन के किसी कंपनी को प्राथमिकता नहीं देगी।

सवाल के बाद जवाब की जगह मिलता है सवाल

राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर मुख्यमंत्री बघेल ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, जब भाजपा के पास कोई जवाब नहीं होता है, तो वे इस तरह के आरोप लगाने लगते हैं। यह 15 साल पुरानी बात है। दिव्यांगजनों और भारत-चीन संबंधों के अध्ययन के लिए यह पैसा लिया गया था। इसका ऑडिट भी हुआ था। उन्होंने कहा कि विपक्ष में होने के नाते हमें सवाल करने का अधिकार है। जब हम सवाल करते हैं, तो वो जवाब देने की जगह उलटे सवाल करने लगते हैं, जबकि उन्हें जवाब देना चाहिए।

वर्चुअल रैली में शिवराज का पंडित नेहरू के बहाने कांग्रेस पर हमला

पत्रिका ब्यूरो ञ्च रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल रैली में रविवार को भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा पंडित नेहरू हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा लगाते रहे और कब चीना हमारी सीमा में घुस गया पता ही नहीं चला। नेहरू और कांग्रेस की सोच देखिए जब चीन ने हमारी जमीन दबा ली, तो संसद में मामला उठा। एक सांसद के प्रश्न के जवाब में उस समय पंडित नेहरू का जवाब था जमीन का क्या करेंगे, उसमें तो घास का तिनका तक नहीं होता है। तब सांसद ने जवाब दिया था कि आपके सिर पर एक भी बाल नहीं है, तो क्या इसको भी बेकार समझकर काट देना चाहिए।

छत्तीसगढ़ में अराजक सरकार

मुख्यमंत्री चौहान ने छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला करते हुए कहा, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के विकास कि पूरी तरह अनदेखी की है। वादाखिलाफी कर के इस सरकार ने प्रदेश को अराजकता के गर्त में धकेल दिया है। पहले छत्तीसगढ़ को सीजी कहने से क्रेडिबल ग्रोथ (विश्वसनीय विकास) का बोध होता था, लेकिन कांग्रेस की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में सीजी से केओटिक गवर्नेंस (अराजक शासन) का बोध हो रहा है।