विरोध की बात करने वाले राज्यों में 6 माह पहले ही जारी हो चुकी अधिसूचना

0
142

रायपुर । National population register नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बाद देशभर में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर सियासत तेज हो गई है। सीएए का विरोध कर चुके गैरभाजपा शासित राज्यों ने अब एनपीआर को भी नहीं लागू करने का एलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी कह चुके हैं कि हम एनपीआर लागू नहीं करेंगे, लेकिन राज्य में इसको लेकर अक्टूबर में ही अधिसूचना जारी हो चुकी है। प्रशासन एक अप्रैल से इस पर कार्यवाही करने की तैयारी में है।

जनगणना निदेशालय और गृह विभाग के अफसर कह रहे हैं छत्तीसगढ़ ही नहीं देश के सभी राज्यों में अगस्त से अक्टूबर के बीच यह नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। अफसरों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 जुलाई 2019 को एक अधिसूचना जारी की थी। इसी अधिसूचना को राज्यों ने भी अपने गजट में प्रकाशित किया है। केंद्र की किसी अधिसूचना को हूबहू लागू करने की यह सामान्य प्रक्रिया है।

अफसर इस मामले में किसी भी तरह की आधिकारिक टिप्पणी करने से बच रहे हैं। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि हम अपना काम कर रहे हैं। अधिसूचना के अनुसार एक अप्रैल से फील्ड में काम शुरू हो जाएगा, बाकी सब राजनीतिक नेतृत्व को तय करना है। इस संबंध में गृहमंत्री साहू से संपर्क किया गया, लेकिन उनके राजिम मेले में व्यस्त होने के कारण बात नहीं हो पाई।

यह लिखा है गजट में

नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्रों का जारी करना) नियमावली 2003 के नियम 3 के उप नियम (4) के अनुसरण में केंद्र सरकार एतद् द्वारा जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने और उसे अद्यतन करने का निर्णय लेती है तथा स्थानीय रजिस्ट्रार के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत सामान्य तौर पर रहने वाले सभी व्यक्तियों की संबंधित जानकारी एकत्र करने के लिए असम के अलावा देश भर में घर-घर जाकर गणना करने संबंधी फील्ड कार्य एक अप्रैल से प्रारंभ होकर 30 सितंबर 2020 की अवधि में किया जाएगा।

विधानसभा के बजट सत्र में होगा सीएए पर फैसला

राज्य कैबिनेट सीएए वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से कर चुकी है। सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में भी यह प्रस्ताव आएगा। अफसरों के अनुसार संभव है कि एनपीआर को लेकर भी विानसभा में ही कोई फैसला हो।