रायपुर । विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों के नाम पर राष्ट्रीय राजनीति करने और लखीमपुर खीरी में पचास-पचास लाख रुपये बांटते हैं। वहीं अपनी ही राजधानी में जमीन के मुआवजे के लिए धरने पर बैठे किसानों से बातचीत करने तक का समय नहीं निकाल पा रहे हैं। यह किसानों के साथ शर्मनाक काम है।
उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसानों की चिंता अधिक
उन्होंने कहा कि वास्तव में भूपेश बघेल अब राष्ट्रीय नेता हैं, उनका छत्तीसगढ़ के किसानों से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें राजनीति के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के किसानों और पंजाब के किसानों की बहुत चिंता है लेकिन अपने राज्य के विस्थापितों के लिए कोई हमदर्दी नहीं है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि नवा रायपुर के 27 गांव के किसान अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले छह दिनों से ठंड में लगातार धरना दे रहे हैं वे धरनास्थल पर खाना पीना भी कर रहे हैं और अपनी मांग पूरा हुए बगैर जाना नहीं चाहते। इसका मतलब है कि अब पानी सिर से गुजर चुका है। अग्रवाल ने कहा कि सरकार को विस्थापित किसानों की चिंता नहीं है बल्कि वहां पर मुख्यमंत्री निवास, मंत्री निवास, राजभवन एवं नया रायपुर नंबर दो की योजना बना कर और ठेका देकर कमीशनखोरी की चिंता है।
धान बेचने में किसान हो रहे परेशान
विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केंद्रों में किसानों को परेशान किया जा रहा है। बारदाना की समस्या बनी है, किसानों को खुद ही अपने बारदाने में धान लेकर आने को कहा गया है, राज्य में बारदाना नहीं मिलने से धान बेचने वाले किसान परेशान हैं। वहीं हर किसान से बोरे के पीछे एक किलो अधिक धान लिया जा रहा है।