कैबिनेट सब-कमेटी फार्मूले पर आज करेगी बैठक, शिक्षक भर्ती के लिए अब होगी नई पॉलिसी

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हिमाचल सरकार शिक्षकों की भर्ती के लिए नई पॉलिसी लाने जा रही है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान की अध्यक्षता में सरकारी नौकरियों पर बनाई कैबिनेट सब-कमेटी सरकार को यह सिफारिश करने जा रही है। सोमवार को कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक हुई, जिसमें हर्षवर्धन सिंह चौहान के अलावा दो और कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी और रोहित ठाकुर भी मौजूद थे। इसमें विभागों से आई वेकेंसी की डिटेल पर चर्चा की गई और नई भर्तियों की शुरुआत शिक्षा विभाग से करने का फैसला लिया गया। कैबिनेट सब-कमेटी का मत था कि स्कूलों को टीचर्स की जरूरत है और लोक सेवा आयोग से भर्ती करने में बहुत वक्त लग जाएगा। इसलिए ये भर्तियां स्कूल या ब्लॉक की जरूरत के अनुसार इसी पॉलिसी के तहत की जाएं। यानी भर्ती को न लोक सेवा आयोग करेगा, न ही एसएमसी की तरह एसडीएम की कमेटी, बल्कि विभाग खुद टीचर रख सकता है। यह पॉलिसी कैसे काम करेगी? इसके ड्राफ्ट पर कैबिनेट सब-कमेटी ने मंगलवारसुबह फिर से बैठक बुलाई है। इस बैठक में तीन मंत्रियों के साथ शिक्षा और विधि विभाग के सचिव भी मौजूद रहेंगे।

यदि इस बात पर सहमति बन गई, तो कैबिनेट सब-कमेटी कैबिनेट में अपनी सिफारिशें रखेगी और भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कैबिनेट सब-कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बताया कि शिक्षा विभाग में कुल रिक्तियां 22974 हंै। इनमें से प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 13383 और हायर एजुकेशन में 9591 पद खाली हैं। 3000 से ज्यादा स्कूल सिंगर टीचर के हैं। शिक्षा विभाग ने बैठक में यह फीडबैक दी है कि रेगुलर टीचर हार्ड और दूरदराज के क्षेत्रों में नहीं जाते। ऐसे स्थानों पर एसएमसी टीचर ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन बाकी रिक्तियों पर इस नई पॉलिसी के माध्यम से भर्तियां हो जाएंगी। यह भर्ती नीति स्कूल या एरिया बेस्ड होगी। जहां टीचर का पद एक साल से खाली है, उसी पद को इस पॉलिसी में भरा जाएगा।

पूर्व भाजपा सरकार में भी धीमी थी भर्तियोंं की रफ्तार

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बताया कि पूर्व भाजपा सरकार के दौरान भी भर्तियों की गति बेहद स्लो थी। लोक सेवा आयोग से पूरे पांच साल में 2375 पद भरे गए, जबकि 1097 पदों पर अभी प्रक्रिया चल रही है। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 15706 पद भरे गए। इस तरह नई भर्तियों का औसत 3000 के आसपास ही है, जबकि सरकारी विभागों में वार्षिक रिटायरमेंट करीब 6000 कर्मचारियों की है। वर्तमान में क्योंकि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को बंद कर दिया गया है और सिर्फ लोक सेवा आयोग पर ही सारा प्रेशर है, यह भी एक कारण है कि सरकार को टीचर भर्ती के किसी और विकल्प पर सोचना पड़ रहा है।