“नारायनगढ़” एवं “डोबरी सालवाला” में “खेत दिवस” पर कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन





किसानों को कृषि रसायनों एवं अन्य कृत्रिम उत्पादों के प्रकृति एवं मनुष्य स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के विषय में विस्तृत जानकारी करवाई उपलब्ध
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नाहन/धौलाकुआं 30 जनवरी, 2023
प्राकृतिक खेती है जीवन का आधार कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर धौलाकुआं ने प्राकृतिक खेती प्रोत्साहन एवं किसान जागरूकता अभियान के अंतर्गत गाँव नारायनगढ़ एवं डोबरी सालवाला में प्रशिक्षण शिविर एवं खेत दिवस का आयोजन किया | जिसमें उपस्थित किसानों को कृषि रसायनों एवं अन्य कृत्रिम उत्पादों के प्रकृति एवं मनुष्य स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डा० पंकज मित्तल ने बताया की कृषि विज्ञान केंद्र प्राकृतिक खेती एवं मिलेट्स की खेती को प्रोत्साहित करने हेतू निरंतर कार्यशील है ताकि कृषि लागत को कम करने के साथ-साथ रसायन मुक्त उत्पाद उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो सके और ऐसा करने के लिए रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को अपनाना नितांत आवश्यक है क्योंकि इससे मिट्टी में लाभदायक सूक्ष्म जीवाणुओं, केंचुओं की संख्या तथा जीवांश पदार्थ की मात्रा में वृद्धि और मिट्टी के पी०एच० मान में सुधार के साथ पोषक तत्वों की उपलब्धता में वृद्धि होती है। प्राकृतिक खेती पूर्णतया देशी गाय पर आधारित खेती है क्योंकि गाय का गोबर और गोमूत्र का उपयोग ही मुख्यतः प्रयोग होने वाली सामग्री को तैयार करने के लिए किया जाता है। शिविर एवं खेत दिवस के आयोजन के अवसर पर उपस्थित किसानों को कृषि वैज्ञानिक डा० सौरव शर्मा ने बताया की अगर किसान प्राकृतिक खेती को अपनाए तो उनको किसी भी तरह की रासायनिक खाद की आवश्यकता नहीं होगी और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ कृषि लागत को भी कम करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर बीजामृत, घन जीवामृत, जीवामृत तथा नीम अस्त्र को तैयार करने एवं उनको प्रयोग करने के विषय में प्रयोगात्मक प्रशिक्षण भी दिया गया। डा० भीम पारीक, मौसम विज्ञान विशेषज्ञ ने किसानों को मौसम पूर्वानुमान अनुसार कृषि कार्यों को व्यवस्थित करने संबंधित जानकारी दी |