बालाघाट। वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग अब पूरी तरह सवालों के घेरे में आ चुका है। बार-बार वन्यप्राणियों की मौत के खबरें मिलना वन विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली के साक्ष्य बनते जा रही है। क्योंकि अब इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग जागरूक नहीं है। पिछले दिनों 12 नवंबर को भरवेली क टींगटोला में वाहन की टक्कर तेंदुए की मौत, कुम्हारी में बिजली तार की चपेट में आने से एक भालू की मौत, 20 नवंबर को तन्नोर नदी के पास बस की चपेट में आने से एक चीतल की मौत, 27 नवंबर को ग्राम कनकी में कुत्तों के हमले से फिर एक चीतल की मौत, चांगोटोला वन परिक्षेत्र अंतर्गत महकापाठा बीट में भालू की मौत हुई थी। इन तमाम घटनाक्रमो के बाद 5 दिसंबर को बैहर मार्ग पर पिपरटोला के जंगल में फिर एक तेंदुए का शव मिला है, जो लगभग 4 से 5 दिन पुराना बताया जा रहा है। इस सदंर्भ से वन विभाग से जानकारी ली गई तो अधिकारियो ने बताया कि वर्चस्व की लड़ाई के दौरान तेंदुए की मौत हुई होगी।