सरकार आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है सामाजिक न्याय मंत्री

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 जबलपुर के पहले संजीवनी क्लीनिक शुभारंभ

जबलपुर।  स्वास्थ्य संस्थाओं से दूर घनी बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रदेश में खोले जा रहे संजीवनी क्लीनिक की श्रृंखला में जबलपुर के पहले संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ गोहलपुर स्थित लेमा गार्डन में प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि की आसंदी से मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा सरकार आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। लेमा गार्डन में संजीवनी क्लीनिक प्रारंभ होने से क्षेत्रवासियों को छोटी-मोटी बीमारियों के उपचार के लिए दूर तक नहीं जाना पड़ेगा। लेमा गार्डन में संजीवनी क्लीनिक के शुभारंभ के अवसर पर सीएमएचओ डॉ.  मनीष कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि क्लीनिक में 68 टाइप की जांच व 120 प्रकार की दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी।  कार्यक्रम में  डीएचओ डॉ. एनडी पीपरी, मीडिया अधिकारी अजय कुरील तथा बडी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक मौजूद थे। उल्लेखनीय प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं से दूर घनी बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दृष्टि से अन्य राज्यों में प्रचलित बस्ती दवाखाना एवं मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर प्रथम चरण में प्रदेश के 7 जिलों में क्र मश: जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन सागर एवं रीवा में 88 संजीवनी क्लीनिक स्थापित की जा रही हैं। इनमें से 9 संजीवनी क्लीनिक जबलपुर में खोले जाएंगे। संजीवनी क्लीनिकों का संचालन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक किया जाएगा।

 ये सुविधाएं मिलेगी क्लीनिक में

इन क्लीनिक के माध्यम से ओपीडी परामर्श, गर्भवती महिलाओं की जांच, टीकाकरण सेवाएं, रेफरल सेवाएं, संचारी रोग, वृद्धजनों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, शिशु रोग सुविधाएं, गैर संचारी रोग जैसे कैंसर, उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की स्क्र ीनिंग व उपचार  68 प्रकार की लैबोरेट्री जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही निरूशुल्क औषिध वितरण के तहत 120 प्रकार की दवाएं मरीजों को प्रदाय की जाएंगी। संजीवनी क्लीनिक में परामर्श लेने वाले सभी मरीजों की जानकारी टैब मॉडल साफ्टवेयर के माध्यम से टैबलेट पर संधारित की जाएगी। साफ्टवेयर की सुविधाए डाटा संधारण एवं समस्त तकनीकी सहयोग विश फाउंडेशन के द्वारा किया जाएगा।