भोपाल. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही और एक बार फिर एक हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है. सरकार इससे पहले जनवरी से नवंबर तक कर्ज ले चुकी है. यह कर्ज बैंकों के साथ साथ बाजार से भी उठाया गया है. अब तक सरकार वर्ष 2019 में 15 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. सरकार का कहना है कि विकासकार्यों और जनहित कार्यक्रमों को जारी रखने के लिए यह कर्ज लिया जा रहा है. कर्ज लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को निविदा बुलाई हैं. वित्त विभाग ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से एक हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने की अधिसूचना जारी की है. यह राशि दस साल के लिए ली जाएगी. सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार केंद्र से मिलने वाली राशि की धीमी गति का असर विकास परियोजनाओं पर नहीं पड़ने देना चाहती है. शिवराज सरकार के समय से अब तक प्रदेश पर करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज है. एक साल होने को है लेकिन प्रदेश भर के किसानों का कर्ज अब तक आर्थिक तंगी की वजह से अटका हुआ है. वहीं, मानसून ने भी सरकार को इस बार मजबूर कर दिया है.