90 फीसदी समूहों का संचालन बिचौलियों के हाथ में

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सिंगरौली। बच्चों को विद्यालय जाने के प्रेरित करने एवं उन्हें मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराने की सरकार की महती योजना का लाभ भले ही अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को न मिलता हो, लेकिन इस व्यवस्था के तहत बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में संचालित प्राइमरी प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मध्यान्ह भोजन व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने का जिम्मा समूहों को सौंपा गया है। जिले में संचालित लगभग 2500 समूहों में से 90 फीसदी समूहों का संचालन बिचौलियों द्वारा किया जाता है तथा इस योजना का भरपूर लाभ यह बिचौलिए उठा रहे हैं। जबकि बच्चों के लिए संचालित इस योजना का लाभ न तो बच्चों को मिल पा रहा है और न ही समूहों को। कुछ विद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षक, पंचायत सचिव एवं सरपंच तथा कुछ नेता भी परोक्ष रूप से इन समूहों का लाभ ले रहे हैं। इतना ही नहीं बहुत से समूहों के अध्यक्ष सचिव तो यह भी नहीं जानते कि इनका कोई समूह है तथा इन समूहों को मध्यान्ह भोजन व्यवस्था का काम मिला है और इस काम के बदले पैसा भी मिलता है। कुछ समूहों के अध्यक्ष सचिव खाना बनाने की जिम्मेदारी स्वयं निभा रहे हैं। उन्हें हाथ लगता है खाना बनाने के लिए मिलने वाली राशि शेष लाभांश गटक रहे हैं बिचौलिए। इतना ही नहीं विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में भी हेरा-फेरी की जाती है। भले ही विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति कम रहती हो, लेकिन मध्यान्ह भोजन में उपस्थिति 90 प्रतिशत दिखाई जाती है। इस प्रकार भले ही भोजन 10 बच्चों को ही मिलता हो, पर भुगतान दर्ज बच्चों के हिसाब से ही होता है।