भोपाल। भारतीय जनता पार्टी 24 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। पार्टी के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में गुरवार को चुनाव संचालन समिति और चुनाव प्रबंधन समिति की बैठकें हुई। इसमें तय किया गया कि उपचुनाव के लिए विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग संकल्प पत्र बनाए जाएंगे, जो स्थानीय विकास का दस्तावेज होगा।
पार्टी नेताओं ने कहा कि कहीं भी सिर्फ प्रत्याशी के भरोसे चुनाव नहीं छोड़ना है, बल्कि संगठन को सारे उपचुनाव खुद लड़ना है। उपचुनाव संचालन समिति और प्रबंध समिति की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गनसिंह कुलस्ते, प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित कई अन्य सदस्य मौजूद थे। वहीं प्रबंध समिति में पूर्व मंत्री व संयोजक भूपेंद्र सिंह के अलावा सभी सदस्य बैठक में शामिल हुए। बैठक में गलवन घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
कांग्रेस का कुशासन और छिंदवाड़ा प्रेम को मुद्दा बनाएंगे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि भाजपा उपचुनाव में कांग्रेस के 15 महीने के कुशासन को मुद्दा बनाएगी। जनता को भाजपा के सुशासन से भी अवगत कराया जाएगा। चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक भूपेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पूरे मध्यप्रदेश के विकास का पैसा सिर्फ छिंदवाड़ा में ही खर्च कर दिया। पार्टी इसे उपचुनाव में मुद्दा बनाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने भाजपा की जिन जनहितैषषी योजनाओं को बंद किया था, उसका पूरा ब्यौरा जनता के सामने रखा जाएगा।
पांच सितंबर तक लगातार होंगे कार्यक्रम
उपचुनाव की रणनीति बनाने के लिए बैठे दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में 24 विधानसभा क्षेत्रों के लिए पांच सितंबर तक के अलग-अलग कार्यक्रम भी तय कर दिए गए। पार्टी नेताओं ने जिन अन्य विषयों पर चर्चा की, उसमें हर विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल रैली और उससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की तैयारी करने पर जोर दिया है।
हर बूथ पर ज्यादा से ज्यादा वॉट्सएप ग्रुप बनाने के साथ फेसबुक और यू-ट्यूब के इस्तेमाल का क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम भी तैयार किया गया। इसी तरह बाहर से लौटे श्रमिकों को रोजगार पोर्टल से जोड़ने के लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया। समन्वय पर जोर दिग्गज नेताओं ने कहा कि किसी भी सूरत में विधानसभा क्षेत्र में नए और पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बिगड़ना नहीं चाहिए। इसके लिए राजनीति समस्या या कठिनाई दूर करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में एक समिति भी बनाई जाएगी।