इंदौर। Coronavirus in Indore कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने के बाद भी इंदौर में सावधानी नहीं बरती जा रही है। मंगलवार सुबह भोपाल से आई रिपोर्ट में क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए मरीजों में से 17 के पॉजिटिव होने की पुष्टि हो गई, लेकिन देर शाम तक भी उनके नाम जारी नहीं हो पाए। इस वजह से पॉजिटिव मरीजों को भी असरावद स्थित क्वारंटाइन सेंटर में अन्य लोगों के साथ ही रखा गया।
उधर, रिपोर्ट आने के बाद भी पॉजिटिव मरीजों के वहीं रहने से क्वारंटाइन सेंटर का स्टाफ भी सशंकित रहा। हालांकि डॉक्टरों के अनुसार सेंटर में रखे गए सभी लोगों को अलग-अलग और सुरक्षा के साथ रखा गया है, इसलिए डर की कोई बात नहीं, लेकिन मरीजों के परिसर में घूमने, साथ ही खाना खाने आदि वजहों से संक्रमण का खतरा फिर भी बना हुआ है।
इंदौर से 40 सैंपल भोपाल जांच के लिए भेजे गए थे। इनकी लिस्ट मंगलवार सुबह प्राप्त हुई जिसमें इंदौर से 17 पॉजिटिव मरीज की जानकारी मिली। ये 17 मरीज पहले पॉजिटिव आए लोगों के रिश्तेदार हैं। पिछले कई दिनों से इन्हें असरावद स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है।
सेंटर में ड्यूटी दे रहे डॉक्टरों के अनुसार यहां पर जो मरीज भर्ती हैं उन्हें अलग-अलग कमरों में रखा गया है। जो लोग एक साथ रहना चाहते हैं, ऐसे कुछ परिवारों को एक ही कमरे में रखा गया है। उन्हें अलग-अलग बेड दिए गए हैं। छोटे बच्चों को भी उनके स्वजन के साथ ही रखा गया है। आइसोलेशन सेंटर में इन लोगों को हिदायत दी गई है कि मास्क लगाकर हाथ सैनिटाइज करते रहें।
कमरे से निकलकर किचन तक पहुंच गए लोग सेंटर में स्टाफ नर्स भी लोगों के व्यवहार से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर कुछ लोग किचन तक पहुंच गए। ड्यूटी रूम में भी व्यवस्थाएं पूरी नहीं होने की शिकायत लेकर सामने आ गए। इस पर वहां मौजूद स्टाफ में हड़कंप मच गया।
उन लोगों को रूम के अंदर ही रहने की हिदायत दी, जिस पर लोग नाराज हो गए और कहने लगे कि हम स्वस्थ हैं, पिछले चार दिन से यहीं पर हैं। हमें कुछ नहीं हुआ तो फिर हमें यहां कैद करके क्यों रखा हुआ है। डॉक्टरों ने मुश्किल से उन्हें समझाया कि उनका 14 दिन तक यहां रहना आवश्यक है।
मरीज बोले ठीक नहीं है व्यवस्था
सेंटर में भर्ती मरीजों के भी कुछ वीडियो वायरल होते रहे जिसमें उन्होंने यहां पर व्यवस्था ठीक नहीं होने की शिकायत करते हुए घर पहुंचाने की बात कही। वीडियो में भी वे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं।
एक साथ एक फीट से भी कम दूरी पर 10 से 15 लोग खड़े हुए हैं और अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं। एमआरटीबी अस्पताल में नहीं हो रही साफ-सफाई एमआरटीबी अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था और सुविधाओं को लेकर भी वहां भर्ती लोगों और वहां से अरबिंदो भेजे गए मरीजों के वीडियो वायरल हुए।
इसमें उन्होंने साफ-सफाई नहीं होने और इलाज ठीक से नहीं किए जाने की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद अस्पताल के अधिकारियों ने आईसीयू स्टेप डाउन से मरीजों से बातचीत का एक वीडियो भेजा। इसमें मरीजों से खाने और सफाई सहित सभी इलाज के बारे में प्रश्न पूछे गए। वहां भर्ती दो से तीन मरीजों ने खाना अच्छा मिलने और इलाज के लिए भी समय पर स्टाफ के आने की जानकारी दी। एक मरीज ने खाना लेट आने की बात कही जिस पर डॉक्टर ने सुधार का भरोसा दिया।
मयूर नगर में कोरोना संदिग्ध युवक की मौत
मयूर नगर निवासी एक मरीज कुलदीप को सुबह कुछ लोग आजाद नगर के स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां से उसे तत्काल एमआरटीबी अस्पताल ले जाने को कहा गया। युवक को कब्ज सहित सर्दी-खांसी की शिकायत स्वजन ने बताई। एमआरटीबी अस्पताल में उसे मृत बता दिया गया। युवक का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ। घर लाकर शाम 5 बजे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृत युवक मयूर नगर में रहने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का पुत्र था।
7 से 14 अप्रैल के बीच करोना संक्रमण बड़े पैमाने पर फैल सकता है
डब्लूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार 7 से 14 अप्रैल के बीच करोना संक्रमण बड़े पैमाने पर फैल सकता है। इसे देखते हुए इंदौर में अभी से सतर्कता बरती जा रही है। इसके पहले भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो सकता है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने एडवाइजरी में स्पष्ट किया है कि 7 से 14 अप्रैल के बीच बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलने की आशंका है। यदि हमने सख्ती और क्वारंटाइन सही तरीके से कर लिया तो इंदौर में हम इस संक्रमण को और अधिक फैलने से रोकने में कामयाब होंगे।
इनका कहना है
असरावद के हॉस्टल में सारी व्यवस्थाएं बेहतर हैं। 250 कमरें हैं जिनमें लोगों को अलग-अलग रखा गया है। लोगों को सुबह-शाम चाय नाश्ता और दो समय भोजन दिया जा रहा है। 24 घंटे एक डॉक्टर और 4 नर्स तैनात रहते हैं। घबराहट के कारण कुछ मरीज घर जाने की जिद कर रहे हैं। अंशुल खरे, एसडीएम और प्रभारी क्वारंटाइन सेंटर