भोपाल। कोविड अस्पतालों में भर्ती ऐसे मरीज जिनकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। वह ज्यादा निगरानी की जरूरत नहीं है,लेकिन अभी भी वह ऐसी हालत में नहीं है कि उनकी अस्पताल से छुट्टी की जाए।ऐसे मरीजों के लिए भोपाल में प्रदेश की पहली यूनिट बनाई गई है। इसका नाम स्टेप डाउन यूनिट रखा गया है। इसमें फिलहाल 10 बिस्तर हैं। जीपी अस्पताल के आसपास 30 बिस्तर की एक यूनिट और बनाई जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को अशोका गार्डन शहरी स्वास्थ्य केंद्र में स्टेप डाउन यूनिट का शुभारंभ किया। यूनिट की स्थापना स्वास्थ्य विभाग एवं विश फाउंडेशन ने मिलकर की है।
मंत्री सारंग ने बताया कि स्टेप डाउन यूनिट में शासकीय एवं निजी डेडीकेटेड स्वास्थ्य केंद्र एवं डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में उपचार के बाद सामान्य अवस्था में आए हुए ऐसे मरीज जिन्हें दूसरी बीमारियां या अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण लंबे समय तक अस्पताल में चिकित्सकीय निगरानी में रखने की आवश्यकता होती है या ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है उन्हें स्टेप डाउन यूनिट में रेफर किया जाएगा। यूनिट के संचालन से गंभीर मरीजों के लिए डेडीकेटेड कोविड स्वास्थ्य केंद्र एवं डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध हो पाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस यूनिट में भर्ती मरीजों की निगरानी एवं उपचार प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ के साथ 3 चिकित्सक एवं 3 स्टाफ नर्स 24 घंटे सेवाएं देंगे। भर्ती मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन योगा अभ्यास के सत्रों का आयोजन किया जाएगा। शनिवार एवं रविवार को ऑनलाइन मनोरंजन कार्यक्रम का भी आयोजन होगा।
इस यूनिट की स्थापना के लिए आवश्यक मानव संसाधन, ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट, सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, नॉन टच थर्मामीटर एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाएं गए हैं। औषधियों एवं मरीजों को सेंटर तक लाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
श्री सारंग ने बताया कि भोपाल के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्टेप डाउन यूनिट स्थापित स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ पंकज शुक्ला, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी, सिविल सर्जन डॉ आरके श्रीवास्तव, यूनिट के विशेषज्ञ डॉ उपेंद्र दुबे, विश फाउंडेशन की तरफ से डॉ शालिनी कपूर, शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम विशेषज्ञ डॉ सविता शर्मा उपस्थित थीं।