नई दिल्ली : ऊषा उत्थुप को क्वीन ऑफ पॉप के नाम से जाना जाता है। ऊषा ने ही सबसे पहले देश में पॉप गानों को पहचान दी थी। आज उनका हैप्पी बर्थ डे है। 8 नवंबर 1947 को मुंबई में जन्मी ऊषा तमिल ब्राह्राण परिवार से हैं। बचपन से ही ऊषा की आवाज काफी भारी और अलग थी। वे सामान्य म्यूजिक क्लासेस के लिए अनफिट थीं। पर ऊषा ने हार नहीं मानी। बिना ट्रेनिंग के लगातार स्टेज पर गाने गाती रहीं। बाद में यह अलग आवाज उनकी पहचान बनी। अपनी फ्यूजन तकनीक के चलते वे बॉलीवुड में 70 और 80 के दशक में काफी हिट हुई थीं। ऊषा ने 8 विदेशी और 17 भारतीय भाषा में गाने गाए हैं।
नाइट क्लब से शुरुआत
20 साल की उम्र में उत्थुप ने साड़ी पहन कर चेन्नई के माउंट रोड स्थित जेम्स नामक एक छोटे से नाइटक्लब में गाना शुरू किया। फिर मुंबई के ‘टॉक ऑफ द टाउन’ और कलकत्ता के “ट्रिनकस” जैसे नाइटक्लब से होते हुए ऊषा दिल्ली गईं। वहां ओबेरॉय होटल में गाना गाया। वहीं ऊषा उत्थुप की शशि कपूर से मुलाकात हुई। इसके बाद शशि कपूर ने ऊषा को फिल्म में गाने का मौका दे दिया। ऊषा ने ‘शालीमार’, ‘शान, वारदात’, ‘प्यारा दुश्मन’, ‘अरमान’, ‘दौड़ जैसी फिल्मों में गाए गए।
ऊषा के बेस्ट सांग
हरि ओम हरी (प्यारा दुश्मन, 1980), दोस्तों से प्यार किया (शान, 1980), उरी उरी बाबा (दुश्मन देवता, 1991), डार्लिंग (सात खून माफ, 2011)
लुक की आलोचना और तारीफ भी
ऊषा ने बताया कि एक बार एक पत्रकार ने उनसे कहा कि वह भूत की तरह दिखती हैं। वहीं कांजीवरम की साड़ी, बड़ी सी गोल बिंदी और बालों में फूल, ऊषा उत्थुप की मानों पहचान ही बन गई है। ऊषा का लुक पिछले कुछ सालों में काफी बदला है। उनकी पुरानी तस्वीरों में आप उन्हें पहचान भी नहीं पाएंगे।