नई दिल्ली। कांग्रेस की अगुआई में विपक्ष की 22 पार्टियों ने पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में आए भयंकर एम्फन चक्रवाती तूफान से हुई भारती तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दोनों राज्यों को विशेष मदद देने की केंद्र सरकार से मांग की है। कोरोना के बीच पश्चिम बंगाल में आए इस दोहरे संकट के समय सभी विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मजबूती से खड़े होने का संदेश भी दिया है।
बंगाल और ओडिशा के तूफान से हुई बर्बादी पर संक्षिप्त चर्चा
कोरोना संकट को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई विपक्षी पार्टियों की इस बैठक में सबसे पहले बंगाल और ओडिशा के तूफान से हुई बर्बादी पर संक्षिप्त चर्चा हुई और प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया कि हम विपक्ष की पार्टियां तूफान से बंगाल और ओडिशा में हुई जान-माल की भारी तबाही पर अपने गहरे दुख और संवेदना का इजहार करते हैं। साथ ही इस मुश्किल संकट और चुनौती से उबरने के लिए इन दोनों सूबों की जनता के साथ अपनी प्रतिबद्धता जताते हैं।
तूफान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के साथ विशेष मदद की मांग
विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार से तूफान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के साथ विशेष मदद का आग्रह करते हुए कहा है कि देश पहले ही कोरोना महामारी के गंभीर संकट से गुजर रहा है और ऐसे में इस तूफान से आयी दोहरी मुसीबत से मुकाबले के लिए दोनों राज्यों के लोगों को आपात सहायता की जरूरत है। केंद्र इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेगा तो दोनों राज्यों को आपदा के विध्वंस से उबरने में मदद मिलेगी। विपक्षी दलों ने सरकार को आगाह करते हुए चिंता जताई है कि तूफान से हुई तबाही के हालात के बाद कोरोना सरीखे महामारी का प्रकोप इन राज्यों में बढ़ने का खतरा हो सकता है और इसीलिए राहत सहायता तत्काल मुहैया कराया जाना अपरिहार्य है।
दीदी को केंद्र पर राहत सहायता देने का बनाया गया दबाव
तूफान का जायजा लेने शुक्रवार को सूबे के दौर पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले ही विशेष आपदा पैकेज की मांग कर चुकीं ममता बनर्जी के लिए विपक्षी दलों का इस पर एकजुट स्वर जाहिर तौर पर सियासी रूप से राहत देने वाला है। विपक्षी दलों की यह एकजुटता दीदी को केंद्र पर राहत सहायता देने का दबाव बनाने में सियासी रुप से मदद करेगा।